श्रद्धापूर्वक मनाएं यह त्योहार, खुशियों से महक उठेगा जीवन
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस तिथि पर सावन माह का प्रमुख त्योहार तीज मनाया जाता है। सावन माह में आने के कारण इस तीज को हरियाली तीज कहा जाता है। कहा जाता है कि श्रद्धापूर्वक तीज का त्योहार मनाने और भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करने से दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है।
इस व्रत के प्रभाव से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान सुख की प्राप्ति होती है। घर परिवार धन-धान्य से भर जाता है। यह व्रत नवविवाहिताओं के लिए विशेष माना जाता है। हरियाली तीज व्रत रखने से नवविवाहित युवतियों का वैवाहिक जीवन आनंदमय होता है। इस दिन मेहंदी लगाने, हरे रंग के कपड़े पहनने, हरी चूड़ियां पहनने की परंपरा है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं शृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की भक्तिभाव से पूजा करती हैं। व्रत रखती हैं और पति की लंबी उम्र का वरदान मांगती हैं। हरियाली तीज पर विवाहित महिलाएं नए कपड़े, गहने पहनकर अपने मायके जातीं हैं। इस व्रत को निर्जला व्रत भी कहते हैं। हरियाली तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है। हरियाली तीज पर सोलह शृंगार का विशेष महत्व है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं। श्रद्धापूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करें।