राबड़ी देवी ने कार्यशैली पार्टी नेताओं की अबूझ पहेली बनायी, इस नेता को लेकर रहे चर्चा मे…

बिहार प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की कार्यशैली अब पार्टी नेताओं के लिए भी अबूझ पहेली बन गई है. खुद पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने शुक्रवार को बोला था कि तेजस्वी शनिवार को राजद की मीटिंग में शामिल होंगे. मगर राबड़ी देवी की घोषणा के बाद भी तेजस्वी यादव शनिवार को राजद की मीटिंग में भाग लेने पटना नहीं पहुंचे. ऐसे में सियासीहलकों में कई तरह की चर्चाओं को तवज्जो मिलने लगी है

सदस्यता अभियान की समीक्षा को लेकर पार्टी की मीटिंग शुक्रवार को राबड़ी देवी के आवास दस सर्कुलर रोड पर हुई. नेता प्रतिपक्ष के नहीं पहुंचने के कारण मीटिंग की कमान खुद राबड़ी देवी ने संभाली. निर्णय हुआ कि शनिवार को तेजस्वी यादव आएंगे  उनके साथ एक बार फिर मीटिंग होगी. उसी मीटिंग में अभियान को लेकर आगे की रणनीति तय होगी.लेकिन श्री यादव शनिवार को भी नहीं पहुंचे  पार्टी की मीटिंग अपरिहार्य कारण बताकर स्थागित कर दी गई.

तेजस्वी की लगातार अनुपस्थिति पर पार्टी नेता पहले कुछ नहीं बोल रहे थे. खुलकर आज भी कोई कहना नहीं चाहता. पर दबी जुबान में कई नेता यह बोलने लगे हैं कि तेजस्वी यादव संभवत: अधिकारिक रूप में पार्टी प्रमुख बनना चाहते हैं. सीएम का उम्मीदवार पार्टी ने उन्हें घोषित कर दिया है. लेकिन वह पार्टी को भी अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं. इसमें कितनी सच्चाई है यह तो नेता प्रतिपक्ष ही बताएंगे.

वर्तमान में लालू प्रसाद पार्टी के प्रमुख है. बोला जा रहा है कि तेजस्वी की कठिनाई बड़े भाई तेजप्रताप यादव को लेकर है. लोकसभा चुनाव में पार्टी के कुछ उम्मीदवारों के विरूद्ध कार्यकरने के कारण तेजप्रताप यादव पर कार्रवाई की मांग पार्टी के भीतर भी उठती रही है. खुद तेजस्वी भी चुनाव प्रचार में तेजप्रताप को साथ ले जाने से परहेज करते रहे.

माना जा रहा है कि दबावों को कम करने के लिए नेता प्रतिपक्ष चाहते हैं कि पार्टी की कमान उन्हें मिल जाए. उधर, दो दिन पहले लालू प्रसाद से मिलकर लौटने के बाद तेजप्रताप यादव ने पटना में साफ बोला कि लालू प्रसाद ही पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे. इसे भी तेजस्वी के पार्टी से दूरी बनाकर रखने से जोड़कर देखा जा रहा है.

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