बाबुल सुप्रियो का भाजपा पर तंज, कहा-बेकार में नहीं लेना चाहते वेतन और सुविधाएं

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल
बीजेपी  (BJP) से नाता तोड़कर टीएमसी (TMC) में शामिल होने के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से बीजेपी के सांसद बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) अब सांसद पद से इस्तीफा (Resignation) दे देंगे। वह कल, यानी गुरुवार को अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla)  को सौंपेंगे। इस बीच, बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोला है और कहा है कि वह बेकार में सांसद पद का वेतन और सुविधाएं नहीं लेना चाहते है।

तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही उनके सांसद पद को लेकर कयास लगने शुरू हो गए थे। यह सवाल किया जा रहा है कि क्या बाबुल सुप्रियो को राज्यसभा भेजा जा रहा है? या बाबुल सुप्रियो को कोई और बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी? हालांकि, तृणमूल भवन में सांसद सौगत रॉय और डेरेक ओ ब्रायन के बगल में बैठे इन सवालों को टालते हुए उन्होंने कहा था कि इस बारे में कोई भी फैसला ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी लेंगे।

 

बुधवार को बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह मत भूलो कि गुजरात के सभी मंत्रियों ने कितना काम किया। उन सभी को हटा दिया गया। मैने बंगाल में कैसे लड़ाई कीए यह सब रिकॉर्ड में है। एक सांसद के सभी लाभों के साथ सार्वजनिक धन को वेतन के रूप में लेकर बेकार नहीं बैठेंगे। बाबुल सुप्रियो आसनसोल में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल कर सांसद बने थे। उन्होंने बीजेपी छोड़ दी हैए इसलिए उन से पहले कहा जा रहा था कि वह उस पार्टी के टिकट पर जीती गई सीट को नहीं छोड़ेंगे। सांसद पद के इस्तीफे की घोषणा के बाद अटकलें शुरू हो गई हैं, तो क्या बाबुल के सामने कोई बड़ा मौका है? हालांकि बाबुल सुप्रिया भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

अर्पिता घोष ने इस्तीफा दिया है। उनकी जगह पर तृणमूल कांग्रेस, बाबुल सुप्रियो को राज्यसभा भेज सकती हैए लेकिन कुछ लोग इस तर्क से सहमत नहीं हैं, क्योंकि इस राज्य से बाबुल सुप्रियो को राज्यसभा सांसद के तौर पर भेजने से तृणमूल कांग्रेस कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए राज्य के बाहर से किसी को भेजा जा सकता है। बाबुल सुप्रियो को बंगाल का मंत्री बनाया जा सकता था।

वह लगभग 8 वर्षों से बीजेपी में थे। बाबुल सुप्रियो का संगठन के साथ कभी भी मजबूत रिश्ता नहीं रहा है। मंत्रालय गंवाने के बाद आसनसोल के सांसद खिलाफ हो गए थे। ऐसी भी अफवाहें हैं कि बंगाल बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उनकी भूमिका से बहुत संतुष्ट नहीं था। इसलिए मंत्रालय गंवाने वाले बाबुल सुप्रियो को संगठन की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। मंत्रालय गंवाने के बाद वे खुद भी इतने टूट गए थे कि सोशल मीडिया पर बार-बार उनका यह गुस्सा सामने आ रहा था। बाबुल सुप्रियो ने यह भी दावा किया था कि वह कभी भी बीजेपी अलावा किसी अन्य पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे, हालांकि अब वह पाला बदल चुके हैं और फिलहाल टीएमसी में हैं, जिसके खिलाफ उन्होंने पूरी राजनीतिक लड़ाई लड़ी है।

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