पंजाब के शपथ समारोह के कार्यक्रम से दूर रहे अमरिंदर सिंह

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल बीएल पुरोहित ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ समारोह का कार्यक्रम 11 बजे तय था लेकिन राहुल गांधी Rahul Gandhi के इंतजार के चलते इसमें देरी हुई। लगभग 15 मिनट के इंतजार के बाद शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शुरू किया गया। चन्नी की शपथ के बाद राहुल राजभवन पहुंचे, उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश रावत नजर आए। सभी ने चन्नी को मुख्यमंत्री पद की बधाई दी। उधर कांग्रेस से नाराज चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस समारोह में नजर नहीं आए। चन्नी के अलावा कांग्रेस नेता ओपी सोनी और सुखजिंदर एस रंधावा ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

पंजाब के रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के विधायक चन्नी 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाले कैबिनेट में टेक्निकल एजुकेशन, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, एंप्लॉयमेंट जेनरेशन और टूरिजम एंड कल्चरल अफेयर विभागों को संभाल रहे थे। चन्नी ने प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे का पक्ष लेते हुए अमरिंदर सिंह के खिलाफ तीन अन्य मंत्रियों के साथ बगावत की थी। पंजाब में विधानसभा चुनाव में मुश्किल पांच महीने बचे हैं इसलिए कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में एक दलित चेहरे का ऐलान खास मतलब रखता है क्योंकि राज्य की आबादी मे दलितों का प्रतिशत लगभग 32 फीसदी हैं। दोआबा क्षेत्र जालंधर, होशियारपुर, एसबीएस नगर और कपूरथला जिले में दलितों की आबादी सबसे ज्यादा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन कर चुके शिरोमणि अकाली दल ने पहले ही घोषणा कर दी है कि विधानसभा चुनाव में जीत मिलने पर दलित वर्ग के किसी नेता को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा। राज्य में आम आदमी पार्टी भी जीत की उम्मीदें लगाए हुए है।

58 साल का सीएम चुना जाना भले ही हैरान करने वाला फैसला लगता हो लेकिन यह सोचा-समझा हुआ कदम भी हो सकता है क्योंकि पार्टी को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पद के लिए दलित वर्ग से नेता के चयन का विरोध नहीं होगा और अमरिंदर सिंह की नाराजगी से हुए संभावित नुकसान की भरपाई हो जाएगी।

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