तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, अलीगढ़ जंक्शन से 15 बच्चों का किया गया रेस्क्यू

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : अलीगढ़ जंक्शन से दूसरे दिन मंगलवार को मानव तस्करी कर ले जाए जा रहे 15 बच्चों को आरपीएफ और चाइल्ड हेल्प लाइन द्वारा रेस्क्यू किया गया है। दो दिनों में तस्करी कर ले जाए जा रहे 23 बच्चों को अलीगढ़ आरपीएफ और जीआरपी द्वारा मुक्त कराया गया है। वहीं चार बच्चे टूंडला से भी रेस्क्यू किए गए हैं।

 

 

 

 

अलीगढ़ आरपीएफ के मुताबिक कामख्या नॉर्थ-ईस्ट ट्रेन से सभी बच्चों को दिल्ली व अन्य राज्यों के लिए ले जाया जा रहा था। बचपन बचाओ आंदोलन से मिली सूचना के अनुसार 15 बच्चे बिहार के कटिहार से दिल्ली व अन्य शहरों के लिए ले जाए जा रहे थे। सूचना के आधार पर आरपीएफ और चाइल्ड लाइन ने कार्रवाई करते हुए ट्रेन के अलग-अलग बोगियों से इन बच्चों को उतारा गया।

 

 

 

इस बार इन तस्करों का पैटर्न कुछ अलग निकला। हर बच्चे के साथ उनका एक व्यक्ति था। कुल 15 बच्चों के साथ व्यस्क व्यक्ति मौजूद थे। आरपीएफ कमांडेंट सीएस तोमर ने बताया कि सभी बच्चों को बिहार के कटिहार और झारखंड से लाया जा रहा था। बच्चों की उम्र 11 साल से 17 वर्ष के बीच है। बच्चों के साथ जाने वालों ने बताया वह बच्चों को दिल्ली पढ़ाने ले जा रहे हैं। पूछताछ में शाहिर नाम के व्यक्ति नाम आ रहा है। अभी तक पूछताछ जारी है। आरपीएफ इंस्पेक्टर चमन सिंह तोमर और जीआरपी इंस्पेक्टर अब्दुल मुईज खान ने बताया कि फिलहाल बच्चों और इनको ले जाने वालों से पूछताछ जारी है। बचपन बचाओ आंदोलन की टीम के द्वारा मामले की तहरीर देने की बात कही गई है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

 

 

 

यूपी में पिछले पांच दिनों 60 बच्चों को तस्करों से आजाद कराया गया है। बचपन बचाओ संस्था की पहल पर 23 बच्चे अलीगढ़ तो चार बच्चे टूंडला से रेस्क्यू किए गए हैं। वहीं 25 जून को 33 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे। बपचन बचाओ आंदोलन के कोऑर्डिनेटर अरशद मेहदी ने बताया कि पांच दिनों में उनकी संस्था की इनपुट और रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से पूरे उत्तर प्रदेश से 60 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। 25 जून को प्रयागराज जंक्शन से एक दिन 33 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था। रेस्क्यू किए गए सभी बच्चे कटिहार जिले के रहने वाले हैं। बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट कोऑर्डिनेटर सूर्य प्रताप ने बताय कि सूचना मिलते ही आरपीएफ और चाइल्ड हेल्प लाइन को मेल की गई थी।

 

 

 

संस्था की पहल पर पांच दिनों में 60 बच्चों को मुक्त कराया जा चुका है। सोमवार और रविवार को मिलाकर कुल अलीगढ़ से 23 बच्चों को मुक्त कराया गया है। 15 बच्चों के मामले में केस दर्ज करने कार्रवाई आरपीएफ और जीआरपी द्वारा चल रही है।

 

 

 

अरशद ने बताया कि जब तस्करों से पूछताछ की गई तो तस्कर बच्चों को मदरसे ले जाने की बात करते रहे। जिसकी मंजूरी उन्होंने बच्चों के मां-बाप से ली है। संस्था ने बताया कि बच्चों को बाहर ले जाने से पहले उनके आधार कार्ड आदि तैयार किए जाते हैं। उसके बाद बच्चों का माइंडवॉश किया जाता है। माइंडवॉश के बाद बच्चे साथ वालों को मामा चाचा आदि कहकर ही पुकारते हैं। मंगलवार को जब एक मामले में आरपीएफ ने गहन पूछताछ की तो पता चला कि चार बच्चे शाहिल नाम व्यक्ति को अपना रिश्तेदार बता रहे हैं। आरपीएफ शाहिल पर मुकदमा दर्ज करने की तैयार कर रही है।

 

 

 

सूर्य प्रताप ने कहा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बच्चों को तस्करों द्वारा टारगेट किया जा रहा है। पिछले पांच दिनों में 60 बच्चों को इन तस्करों द्वारा मुक्त कराया गया है। 23 बच्चे अलीगढ़ जंक्शन से रेस्क्यू किए गए हैं।

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