क्या आपके हाथों में भी हैं ये भाग्य रेखा, पढ़े पूरी खबर देखे अपना भाग्य

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल: भाग्य योग: मणिबंध से निकलकर शनि पर्वत तक पहुंचने वाली रेखा भाग्य रेखा होती है। लेकिन अच्छे भाग्य को जरुरी है कि पुष्ट, पतली और लालिमा लिए हुए भाग्य रेखा शनि पर्वत से चलकर गुरु पर्वत के नीचे समाप्त हो। जहां यह रेखा समाप्त होती है। वहां अगर सफेद बिंदु हो तो भाग्य योग बनता है। पुष्ट भाग्य रेखा का सूर्य पर्वत पर पहुंचना जरुरी है। भाग्य रेखा गुरु पर्वत से प्रारंभ हो, दोनों हाथों में स्पष्ट और लंबी हो, चंद्र पर्वत से प्रारंभ हो तो भी भाग्य योग बनता है। जिन हाथों में यह योग होता है वह व्यक्ति अपार धन अर्जित करता है। ऐसा व्यक्ति चारों ओर प्रसिद्धि पाता है। वह कई भवन और वाहनों का स्वामी होता है। ऐसा व्यक्ति पत्नी के सहयोग से जीवन में ऊंचाइयां पाता है।

 

गजलक्ष्मी योग: यदि दोनों हाथों में भाग्य रेखा मणिबंध से शुरू होकर सीधे शनि पर्वत पर पहुंचे, सूर्य पर्वत विकसित एवं लालिमा लिए हो, बिना कटी-फटी, पतली और स्पष्ट सूर्य रेखा हो, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा तथा आयु रेखा साफ हों तो गजलक्ष्मी योग निर्मित होता है। जिन लोगों के हाथों में यह गजलक्ष्मी योग होता है वह साधारण परिवार में जन्म लेकर भी अपने अच्‍छे कर्मों से उच्च पद तक पहुंचते हैं। ऐसे व्‍यक्‍ति जीवन में खूब मान-सम्मान पाते हैं। जीवन में समस्त ऐश्यर्व और सुख भोगते हैं। ऐसे व्यक्ति समुद्र पार व्यापार करते हैं। यदि नौकरीपेशा है तो उच्च पदों पर पहुंचते हैं।

 

 

शुभकर्तरी योग: यदि हथेली के बीच का हिस्सा दबा और गहरा हो, सूर्य और गुरु पर्वत पुष्ट, मजबूत और उभरे हों, भाग्य रेखा शनि पर्वत के मूल को छूती हो तो यह योग बनाता है। जिस व्यक्ति के हाथ में यह योग होता है वह तेजस्वी और चुंबकीय व्यक्तित्व का धनी होता है। उसके आसपास ऐश्वर्य और भौतिक सुध-सुविधाएं स्वयं चली आती हैं। एक से अधिक साधनों से आय प्राप्त करता है। ऐसा व्यक्ति शारीरिक रूप से आकर्षक होता है। कभी-कभी ऐसा व्यक्ति घमंडी भी हो जाता है।

 

 

Related Articles

Back to top button