कांग्रेस कार्यक्रम के बीच हुई धक्का मुक्की को छत्तीसगढ़ के सीएम ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण,कहा-इसे टाला जा सकता था

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस नेताओं के बीच विवाद की घटना को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इसे टाला जा सकता था। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान बघेल ने यह भी कहा कि पार्टी के सीनियर नेताओं के द्वारा साफ करने के बाद यह मुद्दा (मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे का) उठाकर माहौल खराब नहीं करना चाहिए।राज्य के जशपुर शहर में रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें कांग्रेस के राज्य के प्रभारी सचिव सप्तगिरि उल्का भी मौजूद थे। सम्मेलन के दौरान जब जशपुर जिला इकाई के पूर्व अध्यक्ष पवन अग्रवाल भाषण दे रहे थे तब उनके साथ पार्टी के कुछ नेताओं ने ​कथित तौर मारपीट की थी।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के समर्थक अग्रवाल ने बताया कि जब उन्होंने भाषण के दौरान पूछा कि मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे के समझौते के तहत सिंहदेव को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने में देरी क्यों हो रही है, तब उन्हें पार्टी के नेता इफ्तिखार हसन और अन्य लोगों ने रोका और हमला किया।जशपुर ​की घटना का एक कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया जिसमें कुछ लोग एक व्यक्ति को भाषण देने के दौरान रोक रहे हैं।

सोमवार को जब लखनऊ रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री बघेल से इस घटना के संबंध में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ”देखिए जो चीजें है उसे लेकर हमारे प्रभारी पीएल पुनिया साहब ने कह दिया है कि उस संबंध में बार बार सवाल उठाकर माहौल खराब नहीं करना चाहिए। जो कुछ घटनाएं घटी हैं, उन्हें टाला जा सकता था। जो कि दुर्भाग्यजनक है ऐसा नहीं होना चाहिए था।”

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस द्वारा नियुक्त वरिष्ठ पर्यवेक्षक बघेल ने बताया कि उनका लखनऊ में दो दिवसीय कार्यक्रम है। इस दौरान सामाजिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं के साथ चर्चा होगी। बघेल ने बताया इसके बाद वह हिमाचल प्रदेश जाएंगे जहां वह एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। हिमाचल प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के लिए इस महीने की 30 तारीख को मतदान होगा। कांग्रेस ने बघेल को यहां स्टार प्रचारकों में शामिल किया है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक आमने सामने हैं। इससे पहले पिछले महीने बिलासपुर में एक स्थानीय नेता के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज होने का विरोध करने के बाद पार्टी की जिला इकाई ने स्थानीय विधायक के निष्कासन की मांग की थी। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष जून माह में बघेल सरकार के ढाई वर्ष पूरा होने के बाद सिंहदेव के खेमे ने उन्हें (सिंहदेव को) मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग शुरू कर दी है। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई वर्ष के बंटवारे का समझौता हुआ था और अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

राज्य के प्रभारी पीएल पुनिया ने इस बात से इंकार किया है कि वर्ष 2018 में पार्टी की जीत के बाद ऐसा कोई समझौता किया गया है। राज्य में मुख्यमंत्री पद के बंटवारे की चर्चा के बाद बघेल और सिंहदेव ने दिल्ली जाकर आलाकमान से मुलाकात की थी। वहीं दिल्ली से लौटने के बाद बघेल ने कहा था कि जो लोग मुख्यमंत्री पद के बंटवारे की बात कर रहे है वह राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा दे रहे हैं।

बघेल ने कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बहुत जल्द छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे। वहीं सिंहदेव ने कहा था कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से संबंधित निर्णय पार्टी आलाकमान के पास है। इधर बघेल के करीब माने जाने वाले कई विधायकों ने पिछले दो महीने के दौरान कई बार दिल्ली का दौरा किया है।

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