एमजे अकबर व तरुण तेजपाल को हुए बर्खास्त

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने गुरुवार को पत्रकार से राजनेता बने एमजे अकबर  तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल पर यौन शोषण के आरोप लगने की वजह से उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया है. तेजपाल पर दुष्कर्म का मामला चल रहा है.

ईजीआई ने बयान में कहा, ‘गिल्ड के पदाधिकारियों ने ईसी की टिप्पणियों पर चर्चा की  इस मामले पर निर्णय लिया. बहुमत ने निर्णय लिया है कि अकबर को गिल्ड से तब तक के लिए बर्खास्त कर देना चाहिए जब तक कि उनके विरूद्ध चल मामले पर निर्णय न आ जाए.

गिल्ड ने इससे पहले पहले अकबर को आपराधिक मानहानि का केस वापस लेने के लिए बोला था जो उन्होंने पत्रकार प्रिया रमानी के विरूद्ध दायर किया था. संपादकों का समूह उन महिला पत्रकारों के समर्थन में आ गया था जिन्होंने मी टू अभियान के भीतर पूर्व केंद्रीय मंत्री पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे.

रमानी पहली महिला थी जिन्होंने 8 अक्तूबर को अकबर पर शोषण का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने उस आर्टिक्ल के बारे में खुलासा किया जो उन्होंने पिछले वर्ष लिखा था. इस आर्टिक्ल में उन्होंने बताया था कि एक संपादक ने उन्हें उनके होटल रूम में जॉब के साक्षात्कार के लिए बुलाया  उसे बेड में अपने साथ बैठने के लिए कहा. उस संपादक का नाम अकबर था. इसके बाद पूर्व संपादक के विरूद्ध बहुत सी महिला पत्रकारों ने आरोप लगाए थे.

17 अक्तूबर को अकबर ने विदेश राज्यमंत्री के पद से त्याग पत्र दिया था. उनके विरूद्ध 15 महिला पत्रकारों ने एशियन एज के संपादक रहने के दौरान उनका शोषण करने का आरोप लगाया है. इसके बाद एक बयान जारी करते हुए ईजीआई ने बोला था कि वह उन महिला पत्रकारों के साहस को सलाम करता है जिन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि उनका किस तरह से शोषण किया गया था. एमजे अकबर ने इन्हीं आरोपों के बाद अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था.

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