अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा में तैनात हुआ कानपुर का यह शख्स
उत्तर प्रदेश के कानपुर के एक सिख व्यक्ति ने के की सुरक्षा में तैनात गार्ड दस्ते में स्थान पाकर राष्ट्र का मान ऊंचा कर दिया है। इनका नाम अंशदीप सिंह भाटिया है। 1984 के दंगों ने उनके परिवार को गहरे जख्म दिए। इसके बाद उनका परिवार पहले लुधियाना व फिर अमेरिका में शिफ्ट हो गया। इसके बाद वहां मेहनत की व आगे बढ़ने की तमन्ना ने उनका आज यह मुकाम दिलाया।
दरअसल अंशदीप सिंह भाटिया का परिवार कानपुर के बर्रा इलाके में रहता था। उनके परिवार के मुखिया सरदार अमरीक सिंह कमल गोविंद नगर इलाके में पंजाब व सिंध बैंक में मैनेजर के पद पर तैनात थे। 1984 में राष्ट्र में सिख विरोधी दंगे हुए। उनका परिवार भी इन दंगों का शिकार हो गया। इन दंगों में उनके छोटे बेटे की हत्या कर दी गई थी औ बड़े बेटे देवेंद्र को भी गोलियां मारी गईं। लेकिन वह बच गए। 1984 दंगों के बाद उनके परिवार ने कानपुर छोड़ दिया व लुधियाना शिफ्ट हो गया। इसके बाद देवेंद्र सिंह अमेरिका के न्यूयॉर्क में शिफ्ट हो गए।
कानपुर से लुधियाना शिफ्ट होने के बाद देवेंद्र सिंह की विवाह हुई। अंशदीप सिंह भाटिया उन्हीं के बेटे हैं, उनका जन्म लुधियाना में हुआ। परिवार जब अमेरिका चला गया तो अंशदीप ने अमेरिकी के सुरक्षा गार्डों में शामिल होने की ठानी। लेकिन उनके लिए बड़ी समस्या थी कि इन सुरक्षा गार्डों में शामिल होने के लिए सामान्य वेशभूषा ही होनी चाहिए। चूंकि अंशदीप सिख थे तो उन्हें इसमें कठिनाई का सामना करना पड़ा। साथ ही तैनाती को लेकर जब कुछ शर्तें लगाई गईं तो अंशदीप ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लंबी लड़ाई लड़ी व सफलता पाई।
अंशदीप सिंह भाटिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्डों में शामिल होने से पहले भी कई स्थान जॉब की। लेकिन उनके दिमाग में हमेशा से ही कुछ अलग करने का जुनून था। उनके दादा कंवलजीत सिंह भाटिया के अनुसार अंशदीप ने पहले एयरपोर्ट सिक्योरिटी में भी कुछ दिनों तक जॉब की। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्डों में शामिल होने से पहले उनकी ट्रेनिंग हुई। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें इसी सप्ताह एक समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के तैनात गार्ड दस्ते में शामिल कर लिया गया। साथ ही वह ऐसे पहले सिख व्यक्ति भी बन गए हैं, जो पूरी शिनाख्त के साथ सुरक्षा फ्लीट में शामिल हुए हैं।