अमेरिका से पाक के बेहतर संबंध के बावजूद 3130 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद पर रोक

पाक के पीएम इमरान खान पिछले महीने ही ट्रम्प प्रशासन से संबंध बेहतर करने के मकसद से अमेरिका पहुंचे थे. इमरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ अपनी मुलाकात को पास घोषित किया था. हालांकि, इसके बावजूद अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए किसी तरह के योगदान का ऐलान नहीं किया, उल्टा उसे दी जाने वाले आर्थिक मदद को ही कम कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 44 करोड़ डॉलर (करीब 3130 करोड़ रुपए) की आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है.

अमेरिका ने 2010 में पाकिस्तान को ऊर्जा, पानी की समस्या से निपटने व नागरिकों की कल्याण योजनाओं के लिए 5 वर्ष के अंदर 7.5 अरब डॉलर की आर्थिक मदद का ऐलान किया था. हालांकि, इसके बाद से ही पाकिस्तान पर आतंक को बढ़ावा देने व आतंकवादियों के पनाहगाह देश बनने का आरोप लगता रहा है. बताया गया है कि ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को मदद रोकने की बात इमरान के अमेरिका दौरे से तीन सप्ताह पहले ही बता दी थी.

अमेरिका के केरी लुगर कानून के तहत पाकिस्तान को 5 वर्ष के अंतराल में 7.5 अरब डॉलर (53.35 हजार करोड़ रु। ) मिलने थे. लेकिन पिछले नौ वर्षों में उसे सिर्फ शुरुआती चरण में ही मदद मिली. वह भी करीब 4.1 अरब डॉलर (29 हजार करोड़ रु। ) की. इसके बाद से ही पहले ओबामा प्रशासन व फिर ट्रम्प प्रशासन ने या तो मदद में कटौती की है या उसे पूरी तरह रोक दिया.

पिछले महीने इमरान से मुलाकात के दौरान ट्रम्प ने बोला था कि अमेरिका लंबे समय से हर वर्ष पाकिस्तान को 1.3 अरब डाॅलर (करीब 9 हजार करोड़ रु। ) की मदद दे रहा था, लेकिन इसके बावजूद वहां की सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही थी. पाक अब तक हमारे विरूद्ध ही रहा है. मैंने डेढ़ वर्ष पहले उस मदद को ही रोक दिया.”

जनवरी 2018 में पेंटागन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.3 अरब डॉलर की मदद रोकी थी. अमेरिका का आरोप था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में छिपे हक्कानी नेटवर्क के विरूद्ध कोई कदम नहीं उठा रहा. इसके बाद सितंबर में एक बार फिर ट्रम्प सरकार ने आतंकवादियों के विरूद्ध ठीक कदम न उठाने के लिए पाकिस्तान सेना को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर (करीब 2100 करोड़ रु। ) की मदद रोक दी थी.

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