मौसम विभाग अलर्ट : यूपी मे चक्रवात यास से भारी बारिश की चेतावनी जारी

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल :  बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात यास के चलते मौसम विभाग ने आज उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में तेज हवाएं चलने के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन ने आमजन को सतर्कता बरतने के साथ ही घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। मौसम निदेशक जे पी गुप्ता ने बताया कि पूर्वांचल के जिलों में 26 से 28 मई के बीच कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश हो सकती है।

 

 

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद वाराणसी जिला प्रशासन ने चक्रवात से भारी वर्षा व मकानों के गिरने की संभावित स्थिति में प्रा. विद्यालयों, सामुदायिक व पंचायत भवनों को रीलिफ केयर सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। डीएम के निर्देश पर सभी ब्लॉक के बीडीओ ने एडीओ पंचायत व अन्य ब्लॉककर्मियों के साथ गांवों में निगरानी की कार्ययोजना तैयार की।

 

 

बड़ागांव ब्लॉक सभागार में बीडीओ दीपांकर आर्य ने स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित किया कि नदी के किनारे के गांवों के स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त दवाएं भेज दी जाएं ताकि विषम परिस्थिति में वहां समस्या न आए। राजस्व टीम से ब्लॉक के जर्जर मकानों की लिस्ट तलब की।

 

 

हवा का दबाव कम होने से चक्रवात का बनारस समेत पूर्वाचल में असर घटता दिख रहा है। हालांकि खतरा टला नहीं है। बनारस में बुधवार रात 10 बजे तक तेज हवा चलने के साथ कई इलाकों में बूंदाबादी जबकि बलिया, गाजीपुर, चंदौली और मऊ आदि जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिक प्रो. एसएन पांडेय ने कहा कि चक्रवात का असर गुरुवार सुबह तक दिख सकता है। हवा का दबाव कम होने से पूर्वाचल में इसका असर बुधवार को कम था।

 

 

वज्रपात से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें
– शरीर के बालों का खड़ा होना तथा त्वचा में झुरझुरी महसूस संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है
– रबर सोल के जूते व टायर से सुरक्षा मिलती है
– बिजली गिरने को खिड़की से न देखें
– बादलों की गड़गड़ाहट होने या बिजली चमकने पर सुरक्षित स्थान पर जाएं
– आसमान में बिजली चमकने के दौरान घर में फ्रिज, कम्प्यूटर, टेलीविजन से बिजली डिस्कनेक्ट कर दें। मोबाइल का उपयोग न करें
– बिजली चमकने के दौरान लम्बे पेड़, खंबो या धातु की वस्तुओं से दूर रहें
– वज्रपात से घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल से ले जाएं
– कंक्रीट की फर्श पर न लेटें, कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें
– क्षतिग्रस्त इमारत में न जाएं, उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी पीएं

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