सपा से राम सेवक वर्मा, तो कांग्रेस के शत्रोहन सोनकर का टिकट माना जा रहा है तय
रवीन्द्र भारद्वाज रवी / स्टार एक्सप्रेस संवाददाता
रायबरेली। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से बहुत सारे लोगों के सपनों पर ग्रहण लग गया है क्योंकि रायबरेली नगर पालिका सीट अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित हो गयी है। ऐसे में सालों से बैनर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से नगर का विकास करने का दावा करने वालों के सपने टूट गए है।
अब सबकी नजर इस पर है की वीवीआईपी लोकसभा क्षेत्र के रायबरेली शहर नगर पालिका सीट पर राजनैतिक पार्टियां किसे अपना उम्मीदवार बनाती हैं ? नगर पालिका अध्यक्ष के टिकट के लिए सबसे ज्यादा लट्ठम लट्ट बीजेपी में है सत्ताधारी दल के कई दलित नेता टिकट लेकर चुनाव की वैतरणी पार करना चाहते है। इनमे सबसे बड़ा नाम समाजवादी पार्टी से बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व विधायक राम लाल अकेला हैं, चर्चा इस बात की है बीजेपी राम लाल अकेला या उनके बेटे को अध्यक्ष का प्रत्याशी बना सकती है।
हालांकि यह बात बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्त्ताओं को रास नहीं आएगी कि समाजवादी से अवसरवादी बने नेता को टिकट दिया जाए, बीजेपी से और भी कई दावेदार हैं जिनमें शहर के जाने – माने डॉ बीरबल की पत्नी शालिनी कनौजिया का भी है, शालिनी कनौजिया बीजेपी की नेता है वो सामाजिक रूप से सक्रिय भी रहती हैं उन्होंने समाजसेवा के लिए एक संस्था भी बनाया है।
इनके साथ ही बीजेपी के बुद्धि लाल पासी भी दावेदारी कर रहे हैं सूत्रों की माने तो बुद्धिलाल पासी ने अपना आवेदन कर दिया है। सत्ताधारी दल बीजेपी से चुनावी नैया पार लगाने वाले नेताओं की बड़ी भीड़ है। नगर पालिका चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी के भी कई नेता दावेदारी कर रहे हैं जिसमें शत्रोहन सोनकर सबसे चर्चित नाम है, शत्रोहन सोनकर अपने वार्ड से कई बार सभासद रह चुके हैं और पुराने कांग्रेसी नेता है।
शत्रोहन सोनकर लम्बे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और माना यह जाता है कि शत्रोहन सोनकर गाँधी परिवार के करीबी भी हैं। शत्रोहन सोनकर के अलावा कुछ और लोग भी दावेदारी कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार शत्रोहन सोनकर ही हैं।
अध्यक्ष पद के लिए सुरक्षित सीट होने के बाद अगर किसी दल में टिकट को लेकर सबसे कम संघर्ष है तो वो है समाजवादी पार्टी, सपा में टिकट को लेकर ना कोई उहापोह है और ना ही कोई दुविधा है।
सपा नेताओं की माने तो टिकट पुराने सपा नेता पार्टी के निवर्तमान उपाध्यक्ष राम सेवक वर्मा को मिलेगा, राम सेवक वर्मा समाजवादी विचारधारा के पुराने सिपाही हैं और राम सेवक वर्मा किसी बड़े नेता के पिछलग्गू नहीं है जैसा कि हर दल में गुटबाजी होती है वैसी स्थिति राम सेवक वर्मा को लेकर समाजवादी पार्टी में नहीं है उनकी छवि पार्टी में सर्वमान्य नेता की है।
अब यह तो समय बताएगा कि लोकसभा चुनाव के पहले नगर पालिका अध्यक्ष के सेमीफइनल में राजनैतिक दल अपने कौन से खिलाड़ी मैदान में उतारती है?