महेश नवमी कब? जानें मुहूर्त, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न 

पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है, जानते हैं इस साल महेश नवमी की डेट, मुहूर्त और महत्व

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

दिल्ली : पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है, जानते हैं इस साल महेश नवमी की डेट, मुहूर्त और महत्व। साल 2023 में महेश नवमी 29 मई को जेष्ठ शुक्ल पक्ष नवमी को होगी। कथाओं के अनुसार महेश नवमी विशेषकर महेश्वरी समाज उत्पत्ति का दिन भी माना जाता है। इस दिन महेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी।

भगवान शिव के सबसे बड़े भक्तों में महेश्वरी समाज की गिनती की जाती है, इसीलिए महेश नवमी को महेश्वरी समाज की उत्पत्ति का दिन बताया जाता है। साल 2023 में महेश नवमी 29 मई को होगी। 29 मई को सोमवार का दिन है इसलिए महेश नवमी शुभ कार्य करने का विशेष महत्व है।

महेश नवमी को लेकर हमने ज्योतिष शास्त्र की जानकारी हेमा शुक्ला से बातचीत की। उन्होंने बताया की महेश नवमी को महेश्वरी समाज की उत्पत्ति दिन कहा जाता है। माहेश्वरी समाज के लोग की भगवान शिव के सबसे बड़े भक्तों में गिनती होती है। महेश नवमी के दिन ही महेश्वरी समाज की उत्पत्ति का होना कहा जाता है। साल 2023 में 29 मई को महेश नवमी का पर्व सोमवार के दिन मनाया जाएगा। महेश नवमी को भगवान शिव की आराधना और पूजा पाठ करने का विशेष महत्व होता है। खासकर महेश्वरी समाज के लोग इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग प्रकार के अनुष्ठान करते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महेश नवमी के दिन गंगा स्नान करने, पूजा पाठ करने, दान आदि करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है। ऐसा करने से भगवान शिव बिना मांगे ही सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। हेमा शुक्ला बताती है कि इस दिन गंगा स्नान करने से तन तो पवित्र होता ही है, साथ ही मन और आत्मा भी शुद्ध हो जाती है। वही उनका कहना है कि महेश नवमी के दिन दान आदि करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महेश नवमी विशेषकर महेश्वरी समाज की उत्पत्ति का दिन माना जाता है। इस दिन महेश्वरी समाज के लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। कहा जाता है की इस दिन भगवान शिव की पूजा पाठ, जप तप, हवन आदि करने से भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।  महेश नवमी को वस्त्र दान, जल दान, भोजन आदि करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर मोक्ष का वरदान देते हैं।

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