GST दायरे मे नही आएगा पेट्रोल-डीजल

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : वित्त मंत्रालय ने आज राज्यसभा में कहा कि GST Council  ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर अभी तक कोई सिफारिश नहीं की है। वित्त मंत्रालय ने साफ-साफ कहा कि पेट्रोलियम पर एक्साइज ड्यूटी का इस्तेमाल इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट वर्क्स के लिए होता है, वर्तमान में राजकोषीय हालत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

 

 

 

इससे पहले सोमवार को लोकसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि अभी तक जीएसटी काउंसिल ने तेल और गैस को जीएसटी के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है। इसलिए फिलहाल पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे से बाहर ही रखा जाएगा। उन्होंने यह जानकारी सदन को लिखित में दी है।

 

 

 

 

रामेश्वर तेली ने लोकसभा में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से होने वाली कमाई के बारे में भी जानकारी दी। वित्त वर्ष 2020.21 में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार की तरफ से वसूले जाने वाले टैक्स में 88 फीसदी का उछाल आया है और यह राशि 3.35 लाख करोड़ रही,पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क 19.98 रुपए से बढ़कर 32.90 रुपए पर पहुंच गया। वहीं डीजल पर उत्पाद शुल्क 15.83 से बढ़कर 31.80 रुपए पर पहुंच चुका है।

 

 

 

 

पूरे वित्त वर्ष (2020-21) में उत्पाद शुल्क का कलेक्शन 3.35 लाख करोड़ रहा जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 1.78 लाख करोड़ रुपए रहा था। सालाना आधार पर इसमें 88 फीसदी की तेजी आई है। 2018-19 में एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 2.13 लाख करोड़ रुपए रहा था।

 

 

 

नव नियुक्त वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के बीच सभी पेट्रोलियम प्रोडक्ट जिसमें पेट्रोल-डीजल के अलावा  , ATF, नैचुरल गैस और क्रूड ऑयल आता हैए उस पर अभी तक 1.01 लाख करोड़ रुपए एक्साइज ड्यूटी के रूप में वसूली जा चुकी है। वित्त वर्ष 2020-21 में टोटल एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 3.89 लाख करोड़ रुपए रहा था।

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