प्रयागराज: मासूम बच्चों का निवाला डकार जा रहे कर्मचारी…

स्टार एक्सप्रेस

. सरकारी स्कूल के बच्चों की पेट पर कर्मचारी मार रहे डाका

. प्राथमिक विद्यालयों व मदरसों का एक हाल

. कोटेदार नहीं दे रहा मिड डे मील का राशन

  • प्रधानाचार्य का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चपरासी ने 52 क्विंटल अनाज का किया गबन

 मिथलेश त्रिपाठी 

प्रयागराज. शैक्षिक सत्र 2022-23 में अधिक से अधिक छात्र नामांकन, छात्रों व अध्यापकों की उपस्थिति, पठन-पाठन तथा स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के मकसद से अब खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) और एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) प्रतिदिन दो परिषदीय स्कूलों में कम से कम पांच मिनट पढ़ाएंगे। यही नहीं मध्यावकाश के समय कम से कम एक स्कूल में मिड-डे-मील भी चखेंगे।

 

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शासन के आदेश पर सभी बीईओ और एआरपी को आदेशित किया है कि प्रतिदिन एक-एक स्कूल में प्रार्थना सभा में सुबह 7:30 बजे उपस्थित रहेंगे तथा उसी तिथि की फोटो व्हाट्सएप ग्रुप पर अनिवार्य रूप से भेजेंगे। निरीक्षणकर्ता अपनी रिपोर्ट उसी दिन दो बजे तक व्हाट्सएप ग्रुप और कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही बच्चों के खान पान की व्यवस्था को भी अच्छी तरह देखते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

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इसी क्रम में जनपद प्रयागराज के कौंधियारा विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय का जब निरीक्षण किया गया तो पता चला है कि बीते एक महीने से खाना नहीं बनाया जा रहा है। इस वजह से बच्चे अपने घर से खाना लेकर आते हैं और जब दोपहर को लंच होता है तो कुछ बच्चे अपने घर खाना खाने के लिए भी चले जाते हैं।

 

जब विद्यालय की प्रधानाचार्य मीना से इस संबंध में बात किया गया तो उन्होंने बताया कि जिले के अधिकारियों ने खाद्यान्न ग्रामसभा कुआं कोटेदार को दिया है। लेकिन स्कूल के उनके द्वारा स्कूल के बच्चों को खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा है जिससे विद्यालय में मिड डे मील नहीं बन पा रहा है।

 

प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य मीना ने आरोप लगाया है कि कोटेदार की दबंगई के चलते आज सारे बच्चों को एक महीने से विद्यालय में खाना नहीं मिल पा रहा है। बच्चे अपने घर जाते हैं और कुछ बच्चे ऐसे हैं जो अपने घर से टिफिन लेकर आते हैं।

 

प्रधानाचार्य ने की थी लिखित शिकायत

इस मामले में प्रधानाचार्य मीना ने लिखित शिकायत जिले के अधिकारियों को दी है। उच्चाधिकारियों ने जल्द इस पर कार्य करने का आश्वासन दिया है। छात्रों ने बताया कि हम लोगों को कई दिनों से विद्यालय में भोजन नहीं मिलता है, जिस कारण हम लोग घर जाकर भोजन करते हैं, इसकी शिकायत अध्यापकों से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई।


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प्रधानाचार्य का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चपरासी ने 52 क्विंटल अनाज का किया गबन

इसके अलावा धूमनगंज स्थित एक मदरसे के चपरासी ने प्रधानाचार्य के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर मिड-डे मील का 52 क्विंटल अनाज गबन किया है। मामला संज्ञान में आने के बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के निर्देश पर प्रधानाचार्य ने चपरासी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सरकार की ओर से सरकारी स्कूल में सभी बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है, ताकि स्कूल में बच्चे रोजाना आयें और उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता रहे। इसकी के लिए सरकार ने मिड डे मील योजना की शुरुआत की है।

 

इस योजना के तहत सरकार बच्चों को शिक्षा के साथ ही स्वास्थ और पोषित बनाना चाहती है। जानकारी के अनुसार पिछले साल लाकडाउन के बाद सितंबर में सिराजुल उलूम मोहम्मदिया निजामिया मदरसा खुला पर उस वक्त बच्चे नहीं आ रहे थे।

 

मदरसे के प्रधानाचार्य के अनुसार अक्टूबर 2021 में बच्चों की संख्या बढ़ने पर एमडीएम की शुरुआत के लिए वह जब ट्रांसपोर्टनगर स्थित कोटेदार के यहां गए तो कोटेदार ने जानकारी दी कि उनके हस्ताक्षर और मोहर से लगभग 52 क्विंटल खाद्यान्न मदरसे का चपरासी तुफैल ले गए हैं। इसका सुबूत भी कोटेदार ने प्रधानाचार्य को दिए। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से की। जिसके बाद धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

 

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