संस्थान को संबद्धता/मान्यता प्रदान करने से पहले निर्धारित मानकों का कड़ाई से कराएं पालन- सीएम योगी

स्टार एक्सप्रेस

लखनऊ. सीएम योगी ने कहा है कि किसी भी संस्थान को संबद्धता/मान्यता प्रदान करने से पहले निर्धारित मानकों का कड़ाई से पालन कराएं। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन किया जाना चाहिए। मानक पूरा न करने वाले संस्थानों को कतई मान्यता न दी जाए। मान्यता के लिए गठित टीम के सदस्यों की जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए। जानकारी छिपा कर, गलत या आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर मान्यता की संस्तुति करने वाली टीम के सदस्यों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाए।

सभी पैरामेडिकल संस्थानों का होगा प्रमाणनसीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार शाम को पैरामेडिकल/नर्सिंग संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर बैठक की। उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के सुचारु संचालन और नियमन के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी के अंतर्गत डेंटल काउंसिल, मेडिकल काउंसिल और नर्सिंग ऐंड मिडवाइफरी काउंसिल की भांति पैरामेडिकल काउंसिल का भी गठन किया जाए। नर्सिंग/पैरामेडिकल के क्षेत्र में अच्छा करियर है।

 

युवाओं के बेहतर प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने की जरूरत है। योगी ने कहा कि सभी प्रशिक्षण संस्थानों में फैकल्टी पर्याप्त और योग्य होनी चाहिए। समय से हों दाखिलेयोगी ने कहा कि चिकित्सा सेवा में नर्सिंग/पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। कोरोना के बीच हम सभी ने सपोर्ट स्टाफ के महत्व को करीब से महसूस भी किया है।

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ऐसे में नर्सिंग और पैरामेडिकल के प्रशिक्षण को और व्यावहारिक बनाया जाना चाहिए। सत्र नियमित हो, समय पर दाखिला, समय से परीक्षा और तय समय सीमा के भीतर प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए। शैक्षिक गुणवत्ता और सुविधाओं के स्तर का प्रमाणन अनिवार्य होना चाहिए। क्वॉलिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया समेत अन्य गुणवत्ता नियामक संस्थानों से विधिवत निरीक्षण भी करवाया जाए।

प्रशिक्षुओं की हो करियर काउंसलिंगसीएम ने कहा कि अच्छे स्थानों की पहचान करते हुए उनकी बेस्ट प्रैक्टिसेज को दूसरे संस्थानों में लागू किया जाए। नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों को प्लेसमेंट पर विशेष फोकस करना होगा। प्रशिक्षुओं की करियर काउंसिलिंग करवाई जाए। आर्मी मेडिकल कोर या बड़े चिकित्सा संस्थान के साथ विद्यार्थियों का समय-समय पर इंटरेक्शन हो। जरूरत के मुताबिक संस्थानों को एमओयू भी करना चाहिए। योग्य, दक्ष युवाओं की तलाश हर समय रहती है। निजी क्षेत्र के बड़े अस्पतालों से संपर्क कर प्रशिक्षुओं को उनके करियर के बेहतर विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाए। स्टेट मेडिकल फैकल्टी इस काम को आगे बढ़ाए।

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