सावधान! मिलावटी मिठाईयां बिगाड़ सकती हैं आपकी सेहत त्योहार आते ही मार्केट में बढ़ जाती है मिलावटी मिठाइयों की आमद

मुनाफाखोर भी हो जाते हैं सक्रिय.

स्टार एक्स्प्रेस/ राजेश मिश्रा

महराजगंज रायबरेली। दीपावली, होली व रक्षाबन्धन ऐसे त्योहार है जो मिठाई बिना अधूरे रहते है। लोगो का मानना है कि इन त्योहारों पर मिठाई दुकानदार पूरे साल की कमाई कर लेता है। ऐसे में मुनाफाखोर भी सक्रिय हो जाते हैं और मिलावटी मिठाइयों की आमद मार्केट में बढ़ जाती है।

रंग-बिरंगी और सिंथेटिक दूध से बनीं मिठाइयां आम आदमी की सेहत को जहाँ खराब करती है वही दुकानदार और खाद्य निरीक्षक की जेब गर्म कर देती है। दीपावली होली और रक्षाबन्धन जैसे त्यौहार आते ही मिठाई दुकानदारों की बल्ले बल्ले हो जाती है ।

सोमवार को दीपावली का त्यौहार है ऐसे में क्षेत्र के हलोर चंदापुर हरदोई आदि क्षेत्रो में मिलावटी मिठाइयों की दुकानें इस तरह सज जाती है जैसे लोग गणेश लक्ष्मी की दुकान लगाए हो। इन मिलावट खोरो को किसी प्रकार का कोई डर नही रहता क्यो कि ये अपने आकाओं की जेबें पहले ही गर्म कर आते है। यही कारण है कि खाद्य निरीक्षक महोदय सिर्फ खाना पूर्ति करके चले जाते है। बाहर से मिलावटी मिठाई की आमद के साथ ही घटिया खोए का भी व्यापार चरम पर होता है।

क्षेत्र में कई ऐसे प्रतिष्ठित स्वीट हाउस हैं जहां पर मिलावटी खोया व नकली मिठाई की बिक्री बेहिचक की जाती है। इस पर न स्थानीय प्रशासन ही ध्यान देता है और न ही खाद्य विभाग ही। जिसका खामियाजा आम जनमानस को भुगतना पड़ता है और विक्रेता खुले आम अपनी तिजोरी भरा करता है। दूध की कमी और अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मावा बनाने के लिए दूध की बजाय दूध पाउडर, रसायन, उबले आलू, शकरकंदी, आदि का प्रयोग किया जाता है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए पानी में डिटर्जेंट पाउडर, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड और एसेंट पाउडर डालकर दूध बनाया जाता है। हाल में ही जिले में सिंथेटिक दूध बनाने के कई मामले पकड़े भी चुके हैं।

कार्यवाही के नाम पर अधिकारी छापेमारी करते हुए अपनी जेबे गरम कर वापस चले जाते है। अब देखना यह है कि दीपावली जैसे त्यौहार पर बाजारों में जनता को शुध्द मिठाई मिलती है या उन पर विभाग द्वारा छापेमारी के नाम पर खनापूर्ती कर दुकानदारों को जनता को लूटने की खुली छूट दे दी जाती है।

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