अतीक शाइस्ता नहीं देख पाए आखिरी बार बेटे का मुंह, कसारी-मसारी कब्रिस्तान में असद सुपुर्द-ए-खाक

कसारी-मसारी कब्रिस्तान में ननिहाल पक्ष और कुछ करीबी लोगों की मौजूदगी में निकाला गया असद का जनाजा

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

 

दिल्ली : अतीक अहमद और शाइस्ता परवीन को अपने बेटे असद अहमद का आखिरी बार मुंह देखना नसीब नहीं हुआ। एनकाउंटर में मारे गए असद को मां-बाप या परिवार के किसी अन्य सदस्य की मौजूदगी के बगैर कुछ रिश्तेदारों और करीबियों की मौजूदगी में दफना दिया गया। झांसी से प्रयागराज पहुंचने पर शव को सीधे कसारी-मसारी कब्रिस्तान ले जाया गया जहां असद के ननिहाल पक्ष के लोग की मौजूदगी में रीति-रिवाजों के बाद असद का जनाजा निकाला गया। इसके बाद असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। असद की कब्र उसके दादा और दादी की कन के ठीक बगल में शुक्रवार को ही खोदकर तैयार कर ली गई थी। असद के साथ एनकाउंटर में मारे गए अतीक के शूटर गुलाम के शव को भी दफना दिया गया है।

अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम का गुरुवार की दोपहर यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया। एसटीएफ की झांसी के पारीछा डैम के पास असद और गुलाम से मुठभेड़ हुई, जिसमें दोनों मारे गए। उमेश पाल 2005 में हुए राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह थे। उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।

माना जा रहा है कि असद के शव को देखने के लिए अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पहुंच सकती हैं। ऐसे में उसके सरेंडर की भी चर्चा है। शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम है। शाइस्ता वेश बदलकर जनाजे में शामिल हो सकती है। पुलिस ने शाइस्ता की गिरफ्तारी के लिए तैयारी कर ली है। उस पर नजर रखने के लिए महिला पुलिसकर्मियों को सादा वर्दी में तैनात करने की तैयारी है। उधर, अतीक अहमद ने पुलिस को दिए बयान में मान लिया है कि उसने ही जेल से उमेश पाल के हत्याकांड की साजिश रची थी।

असद के जनाजे में शामिल हुए 20-25 लोग

प्रयागराज के एसीपी आकाश कुलहरि ने बताया कि असद के परिवार के 20-25 करीबी लोग उसके सुपुर्द-ए-खाक में शामिल हुए। गुलाम के शव को अंतिम संस्कार के लिए दूसरे कब्रिस्तान में ले जाया गया है। असद के नाना यहां हैं और वो असद के सुपुर्द-ए-खाक की रिवाज उन्होंने ही निभाई। अतीक के पड़ोसी शमीम ने कहा कि अतीक और शाइस्ता को यहां होना चाहिए था, ये गलत हुआ है।

कसारी-मसारी में दफनाया गया असद

अतीक के बेटे असद को पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया है।  असद के सुपुर्द-ए-खाक में पुलिस ने असद के 35 करीबी रिश्तेदारों को शामिल होने दिया, जिनमें नाना और मौसा शामिल हैं। असद की मां शाइस्ता परवीन भी उसे देखने नहीं पहुंच पाई और अतीक ने भी असद के जनाजे में शामिल होने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी और उस पर आज ही सुनवाई होनी थी।

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