बहराइच के जैन मंदिर में मनाया जा रहा आष्टानिका महापर्व, जानिए क्या है खास

आहार दान देने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं रह सकता: सुबल सागर

 स्टार एक्सप्रेस / संवाददाता 

बहराइच। जैन धर्म का पवित्र पर्व आष्टानिका महापर्व शहर के जैन मंदिर में हो रहा है। महापर्व के अवसर पर जैन धर्म के प्रसिद्ध जैन आचार्य श्री 108 सुबल सागर महाराज के सानिध्य में चल रहा है। दीवान सागर मध्य प्रदेश से आए प्रतिष्ठाचार्य पंडित पवन कुमार जैन के सानिध्य में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन जैन मंदिर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।

महापर्व 31 अक्टूबर को घट यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ और 9 नवंबर को विश्व शांति महायज्ञ के साथ संपन्न होगा। बताया जाता है कि जैन धर्म में आष्टानिका महापर्व का अत्यधिक महत्व है। इन 8 दिनों में जैन धर्मावलंबी विशेष पूजा अर्चना करके धर्म लाभ लेते हैं। प्रवचन करते हुए आचार्य सुबल सागर महाराज ने कहा जैन धर्म में दान का बहुत महत्व है और दान में सबसे ज्यादा महत्व आहार दान का है जो श्रावक अपने घर पर परिवार सहित साधु-संतों को आहार दान देता है। उसका मानव जीवन सफल हो जाता है।

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आहार दान देने वाला व्यक्ति कभी दुखी और भूखा नहीं रह सकता है। इसलिए आप सभी अपनी सामर्थ्य के अनुसार साधु-संतों को आहार दान अवश्य करें। इस अवसर पर जैन मंदिर को दुल्हन की भांति सजाया गया है। रात्रि में आरती शास्त्र सभा के पश्चात राष्ट्रीय मंच कलाकार उमेश शास्त्री के दिशा निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम मैना सुंदरी ,दहेज प्रथा पार्श्वनाथ उपसर्ग आदि पर शिक्षाप्रद नाटक का मंचन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों स्त्री, पुरुष और बच्चे उपस्थित रहे।

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