प्रदेश में तैनात छह हजार से अधिक होमगार्डों को बढ़े हुए मानदेय की सौगात

 प्रदेश में तैनात छह हजार से अधिक होमगार्डों को छह दिसंबर को नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड दिवस पर सरकार बढ़े हुए मानदेय की सौगात देने जा रही है. इस दिन सरकार उन्हें न्यूनतम 18 हजार रुपये अथवा 700 रुपये रोजाना मानदेय दिए जाने की घोषणा कर सकती है. उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के क्रम में यह कदम उठाया जा रहा है.

प्रदेश में इस समय होमगार्ड विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनमें पुलिस, परिवहन, सचिवालय और संचार आदि शामिल हैं. ये होमगार्ड इन विभागों में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के साथ ही विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का काम कर रहे हैं. इसकी एवज में इन्हें रोजाना के हिसाब से मानदेय दिया जाता है.

होमगार्डों के लिए बने नियमों के अनुसार पुलिस के सहायक के रूप में सेवा देने पर इन्हें पुलिस के समान ही अधिकार और सुविधाएं दिए जाने का जिक्र है. इसी का हवाला देते हुए कुछ होमगार्ड उच्चतम न्यायालय गए थे. इस मुद्दे में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश में होमगार्डों को पुलिस के समान वेतन दिए जाने का फैसला सुनाया था. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार को भी होमगार्ड का मानदेय बढ़ाना है.

इसके लिए वित्त विभाग अपनी सहमति दे चुका है. सूत्रों की मानें तो होमगार्डों को न्यूनतम 18 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाना है. कई विभाग ऐसे हैं जहां रविवार को अवकाश रहता है. ऐसे में होमगार्ड 25 अथवा 26 दिन ही काम करेंगे. 600 रुपये रोजाना के हिसाब यह राशि माह में 18 हजार नहीं पहुंचेगी. इसे देखते हुए यह मानदेय 700 रुपये किया जाना प्रस्तावित है. माना जा रहा है कि सीएम छह दिसंबर को नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड दिवस पर आयोजित प्रोग्राम में इसका एलान कर सकते हैं.

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