Jyeshtha Maas 2023: 6 मई शूरू हो रहा ज्येष्ठ माह, जानें इसका महत्व और व्रत-त्योहार की लिस्ट 

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की शुरुआत 06 मई यानी आज से हो चुकी है, इस माह में वट सावित्री व्रत और गंगा दशहरा का भी विशेष महत्व है 

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

 

दिल्ली:  हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की शुरुआत 06 मई यानी आज से हो चुकी है. इस माह में वट सावित्री व्रत और गंगा दशहरा का भी विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की समाप्ति पूर्णिमा तिथि से हो जाती है और इसके बाद ज्येष्ठ मास का शुभारंभ हो जाता है। बता दें की ज्येष्ठ मास का शुभारंभ 6 मई 2023, शनिवार के दिन से हो जाएगा। हिंदू धर्म में इस मास को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस महीने में कई बड़े व्रत एवं त्यौहार मनाए जाते हैं। बता दें कि इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सभी व्रत एवं त्योहारों की सूची और महत्व।

ज्येष्ठ मास 2023 महत्व

हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि इस मास में सूर्य देव, वरुण देव, शनि देव और हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही मान्यता मान्यता है कि इस महीने में मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था, जिस वजह से गंगा दशहरा पर मनाया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस मास में गंगा स्नान करने से और दान धर्म करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ कई प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं। किवदंतियों के अनुसार इसी महीने में भगवान राम की भेंट अपने परम भक्त हनुमान जी से हुई थी। साथ ही भगवान शनिदेव का जन्म भी इसी पवित्र महीने में हुआ था।

ज्येष्ठ माह की व्रत और त्योहार लिस्ट

6 मई, शनिवार- ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रारंभ
7 मई, रविवार- देवर्षि नारद जयंती
9 मई, मंगलवार- अंगारकी चतुर्थी
12 मई, शुक्रवार- शीतलाष्टमी
15 मई, सोमवार- अपरा एकादशी
17 मई, बुधवार- प्रदोष व्रत
19 मई, शुक्रवार- वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
20 मई, शनिवार- ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत
22 मई, सोमवार- पार्वती पूजा
23 मई, मंगलवार- वैनायकी गणेश चतुर्थी
24 मई, बुधवार- श्रुति पंचमी
30 मई, मंगलवार- गंगा दशहरा
31 मई, बुधवार- निर्जला एकादशी
1 जून, गुरुवार- चंपक द्वादशी
4 जून, रविवार- पूर्णिमा, संत कबीर जयंती

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