अबुल कलाम का शिक्षा की सकारात्मक दिशा तय करने में बड़ा योगदान- डॉ भारती सिंह

स्टार एक्सप्रेस / संवाददाता 

सुल्तानपुर। राणा प्रताप पीजी कॉलेज के बीएड विभाग ने शिक्षा दिवस के अवसर पर एक स्टूडेंट सेमिनार का आयोजन किया गया। इस शिक्षा दिवस पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित थीम ‘पाठ्यक्रम बदलना और शिक्षा को बदलना’ विषय पर विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती और राणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। बीएड विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने शिक्षा दिवस मनाए जाने के इतिहास पर प्रकाश डाला और कहा कि शिक्षा जीवन परर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है।

हर व्यक्ति जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है और सीखकर समाज में बदलाव लाता है। मैकाले की शिक्षा नीति ने बाबू वर्ग तैयार किया । स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा की दशा सुधारने और शिक्षा की दिशा तय करने के निये अनेक प्रयास किया। डॉ संतोष अंश ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने इस शिक्षा दिवस की थीम पाठ्यक्रम बदलना और शिक्षा को बदलना रखा है। इसका ध्येय यह है कि शिक्षा से व्यक्ति, समाज फिर राष्ट्र में बदलाव आएगा। हरेक को शिक्षा के माध्यम से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाना चाहिय।

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शिक्षा का हस्तांतरण शिक्षा का उद्देश्य है। कुछ समय निकाल निःशुल्क पढाना चाहिये। इस संगोष्ठी में निशांत, विवेक मिश्रा, सचिन तिवारी , अर्चना, तनवीर , कोमल पांडेय, उज्मा अंसारी ,प्रिया गुप्ता ने संगोष्ठी में अपने विचार प्रस्तुत किए। अंजलि मिश्रा ने ब्लैक बोर्ड डेकोरेशन किया। शिक्षा दिवस थीम पर शिवानी अग्रहरि, प्रज्ञा अग्रहरि, प्रियंका प्रजापति ,सलोनी गुप्ता ,आस्था विजय कुमार तिवारी, निशांत अफरोज ने अत्यंत सुंदर रंगोली बनाई। कार्यक्रम का संचालन सलोनी ने किया।

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