अखिलेश यादव का योगी सरकार पर बड़ा हमला, बोले – ग्रामीण इलाकों में संक्रमण को लेकर सरकार का ‘झूठ’

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार की वजह से कोरोना ग्रामीण इलाकों में जानलेवा साबित हो रहा है।

लखनऊ :  समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 संक्रमण तेजी से फैलन पर चिंता जताते हुए। योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर भाजपा सरकार का ‘झूठ’ गांव देहात के इलाकों में बेहद जानलेवा साबित हो रहा है।

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, उत्तर प्रदेश के गांव-गांव तक कोरोना वायरस संक्रमण का फैलना बहुत चिंताजनक है. गांव-तहसील में जब बुखार की दवाइयों तक की भारी किल्लत है तो ऑक्सीजन, बेड या टीके की क्या उम्मीद की जाए। इसके साथ सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, भाजपा सरकार का ये झूठ कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण न के बराबर है, ग्रामीण इलाकों में बेहद जानलेवा साबित हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर रखते हुए उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने 5 मई से इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाने का फैसला किया है।

इस दौरान प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतों में टीम भेजकर प्रदेश व्यापी स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान खांसी बुखार और जुकाम जैसे लक्षणों वाले लोगों का टेस्ट कर तत्काल उन्हें आइसोलेशन में भेजा जाएगा। घर में आइसोलेशन की व्यवस्था न होने पर सरकार इसकी व्यवस्था करेगी। बाहर से पंचायत चुनाव में सिर्फ वोट डालने आए लोगों पर कड़ी नजर रहेगी। इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जरूरी सुविधाओं से युक्त अस्पताल तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

जबकि मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोविड संक्रमण से हमें गांवों को बचाना होगा। गांवों के प्रति विशेष सतर्कता की जरूरत है। ऐसे में प्रदेश की सभी 97 हजार राजस्व गांवों में कोविड टेस्टिंग का वृहद अभियान संचालित किया जाए। इस संबंध में सभी जरूरी तैयारी कर ली जाए। आरआरटी की संख्या बढ़ाई जाए। निगरानी समितियों से सहायता लें। जो लोग अस्वस्थ हों, पॉजिटिव पाए जाएं, उन्हें मेडिकल प्रोटोकॉल का मुताबिक उपचार दिया जाए। आवश्यकतानुसार अस्पताल में एडमिट कराया जाए।

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