सीएए के विरोध प्रदर्शन में बच्चों को शामिल करने पर बाल संरक्षण आयोग खफा, उठाए ये कदम

लखनऊ. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सीएए के विरोध में आयोजित हो रहे विरोध प्रदर्शन और धरना कार्यक्रमों में बच्चों को हिस्सा बनाने की कड़ी आलोचना करते हुए उनके अभिभावकों को कानूनी कार्यवाही करने की चेतावनी दी है।राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की सदस्य डॅा. शुचिता चतुर्वेदी ने सीएए के लिए प्रायोजित धरने पर बैठी महिलाओं द्वारा बच्चों को हिस्सा बनाए जाने का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि जिन बच्चों को अपना स्कूली पाठ्यक्रम याद नहीं होता उनके दिल में प्रधानमंत्री और सीएए के खिलाफ नफरत भरी जा रही है। इनका बालमन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बाल संरक्षण कानून इसकी इजाजत नहीं देता।

उन्होंने कहा कि समस्त अभिभावक यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चा सुरक्षित जगह पर हो यदि ऐसा नही है तो अभिभावक का ये नैतिक दायित्व है कि वो बालक को सुरक्षा प्रदान करे।

डॅा. चतुर्वेदी ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग धरने पर बैठी महिलाओं का यह तर्क नहीं स्वीकार करता कि जब वह अनशन पर बैठी हैं तो बच्चों को कहां छोड़ें। उन्होंने धरने पर बैठी महिलाओं को चेताया कि अनशन में बच्चों का इस्तेमाल, जान बूझकर किया जा रहा है। इस कृत्य के लिये उन्हें दण्डित किया जा सकता है।

सदस्य डॅा. शुचिता ने इस मामले पर राज्य के पुलिस प्रमुख ओ.पी.सिंह और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर बच्चों के प्रति क्रूर व्यवहार करने वाले अभिभावकों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बच्चों को कानूनी सुरक्षा देने की जरूरत पड़ने पर स्वयं भी इस मामले को लेकर थाने जाएंगी।

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