राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस सिलसिले में की सार्थक एवं विस्तृत बातचीत 

हिंदुस्तान  वियतनाम रक्षा तथा ऑयल एवं गैस के एरिया में संबंध  प्रगाढ़ करने को सहमत हुए हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां अपने समकक्ष गुयेन फू ट्रोंग के साथ मंगलवार को इस सिलसिले में सार्थक एवं विस्तृत बातचीत की राष्ट्रपति कोविंद यहां तीन दिनों की यात्रा पर आए हैं

बातचीत से पहले वियतनामी राष्ट्रपति भवन में उनकी सैन्य सम्मान के साथ अगवानी की गई राष्ट्रपति कोविंद की राष्ट्रपति के तौर पर दक्षिण पूर्व एशिया  आसियान एरिया की यह पहली यात्रा है

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक अपनी बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने कई सारे द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की राष्ट्रपति कोविंद ने कहा,‘राष्ट्रपति फू ट्रोंग के साथ मेरी बातचीत विस्तृत  रचनात्मक रही हमारी चर्चा संपूर्ण द्विपक्षीय  बहुपक्षीय विषयों पर हुई ’ दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय संप्रभुता  अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण एवं समृद्ध हिंद – प्रशांत एरिया बनाने की बात दोहराई

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा,‘हम रक्षा के एरिया में द्विपक्षीय योगदान  मजबूत करने, परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग करने, बुनियादी ढांचे  कृषि का विकास करने तथा नवाचार आधारित काम करने को राजी हुए हैं ’ दोनों राष्ट्रों ने संचार, एजुकेशन  व्यापार एवं निवेश के एरिया में सहमति लेटर पर भी हस्ताक्षर किए हैं

उन्होंने कहा,‘हम अपने रक्षा एवं सुरक्षा योगदान को  मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं मैं वियतनाम सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण मुहैया करने के हिंदुस्तान के वादे को दोहराता हूं हम वियतनामी बार्डर गार्ड के लिए हाई स्पीड गश्त नौका बनाने के लिए 10 करोड़ डॉलर की कर्ज सहायता भी देंगे ’

आतंकवाद पर भी हुई चर्चा 
अपनी बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की   बयान के मुताबिक वे इस बुराई के विरूद्ध वैश्विक लड़ाई मजबूत करने को तैयार हुए उन्होंने कहा,‘हमने इस बात पर संतोष जताया कि देनों राष्ट्र समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के लिए शीघ्र ही बातचीत प्रारम्भ करेंगे ’

उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान – वियनताम के बीच आर्थिक संबंध बढ़ रहे हैं पिछले वर्ष हमारा द्विपक्षीय व्यापार 12. 8 अरब डॉलर था हम 2020 तक 15 अरब डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं राष्ट्रपति ने बोला कि वियतनाम के दिवंगत राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की 1958 में हिंदुस्तान की 11 दिनों की ऐतिहासिक यात्रा के 60 वर्ष बाद वह इस राष्ट्र के दौरे पर आए हैं

उन्होंने कहा,‘मुझे इस बात को लेकर गर्व है कि आसियान एरिया की मेरी प्रथम यात्रा वियतनाम की हो रही है, जो हिंदुस्तान की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक रणनीतिक स्तंभ है  आसियान में हमारा मुख्य वार्ताकार है ’

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