यूपी: घर के बाहर सो रहे हिस्ट्रीशीटर की गोली मारकर हत्या

यूपी के कन्नौज जिले के ठठिया थाना क्षेत्र स्थित गांव गंगापुरवा में घर के बाहर सोते समय हिस्ट्रीशीटर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस का दावा है कि बाबा और चाचा की हत्या का बदला लेने के लिए गोविंद पुत्र बलराम ने वृद्ध को गोली मारी थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से तमंचा और दो कारतूस बरामद किए हैं। एसपी ने पुलिस टीम की सराहना कर 15 हजार का इनाम देने की घोषणा की।

हिस्ट्रीशीटर की हुई थी हत्या
पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि थाना ठठिया के गंगापुर्वा निवासी हिस्ट्रीशीटर अशर्फीलाल की 26 नवंबर की रात घर के बाहर सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें मृतक के पुत्र धर्मेंद्र सिंह ने गांव के दुर्गेंश, सुनील उर्फ संजू, पप्पू उर्फ अवधेश के खिलाफ रंजिश में पिता की हत्या का मुकदमा पंजीकृत करवाया था। इसकी विवेचना थानाध्यक्ष अमर पाल सिंह ने की। जांच पड़ताल में नामित किए आरोपित का घटना में दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं दिखा जबकि गांव के गोविंद का नाम प्रकाश में आया। वह घटना के बाद से फरार भी चल रहा था। इससे पुलिस का शक उसपर और गहरा गया।

54 साल बाद लिया बदला

थानाध्यक्ष अमर पाल सिंह ने मुखबिर की सटीक सूचना पर ठठिया मोड़ से गोविंद को पकड़ लिया। कड़ाई से पूछताछ में गोविंद ने सारी सच्चाई बताई। उसने बताया कि हिस्ट्रीशीटर अशर्फीलाल ने उसके बाबा सोनेलाल की 54 साल पहले हत्या कर दी गई थी। साथ ही उसके चाचा दरोगा की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। इसकी वजह भी वह अशर्फीलाल को मानता था। पुलिस ने उसके पास से तमंचा व कारतूस भी बरामद किया। एसपी ने जल्द घटना का पर्दाफाश करने पर पुलिस टीम की सराहना की साथ ही इनाम देने की घोषणा की।

तमंचे के साथ ले गया था कुल्हाड़ी

आरोपी गोविंद ने पुलिस को बताया कि उसके अंदर सालों से बदला लेने की आग सुलग रही थी। वह सिर्फ मौके की तलाश में था। आरोपी ने बताया कि 26 नवंबर को अशर्फीलाल को घर के बाहर सोते देख उसे अच्छा मौका मिल गया। उसने बताया कि वह तमंचे के साथ कुल्हाड़ी भी साथ ले गया था। अगर तमंचे से फायर मिस हो जाता तो वह कुल्हाड़ी मारकर उसकी हत्या कर देता। तमंचे से गोली मारने के बाद आरोपी मौके से भाग गया।

दोनों की बोलती थी तूती

करीब 54 साल पहले अशर्फीलाल और सोनेलाल की रंजिश चर्चित थी। दबंगई के बल पर दोनों की इलाके में तूती बोलती थी। गिरोह बनाकर चोरी, लूट, डकैती करने के आरोप में पुलिस ने अशर्फीलाल की हिस्ट्रीशीट भी खोली थी। सोनेलाल पर आपराधिक वारदातों में शामिल होने के आरोप लगे थे। सोनेलाल की हत्या के बाद उसका बेटा दरोगा गिरोह का सरगना बन गया था। वर्षों पुरानी रंजिश को दोनों परिवार भुला चुके थे। अशर्फीलाल की हत्या से रंजिश फिर गहरा गई है। इसी आशंका में पुलिस ने दोनों परिवार के लोगों को झगड़ा न करने की सख्त हिदायत दी है।

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