मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को दिल्ली भेजने से किया इनकार : ममता बनर्जी

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय के ट्रांसफर को लेकर सीएम ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच रार बढ़ गई है। एक तरफ केंद्र सरकार ने सोमवार को उन्हें दिल्ली तलब किया है तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने उन्हें रिलीज करने से ही इनकार कर दिया है। ममता सरकार की कैबिनेट मंत्री चंद्रिमा उपाध्याय ने कहा, मुख्यमंत्री चीफ सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय को रिलीज नहीं कर रही हैं। इससे पहले खुद ममता बनर्जी ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह चीफ सेक्रेटरी को रिलीज नहीं करेंगी। सीएम ममता ने लेटर में कहा था कि केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के स्थानांतरण का एकतरफा फैसला लिया है और यह गलत है।

 

 

ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा था, केंद्र सरकार की ओर से यह फैसला एकतरफा तौर पर लिया गया था। इस बीच सरकारी सूत्रों का कहना है कि केंद्र की ओर से अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा, पश्चिम बंगाल सरकार इस मुश्किल वक्त में चीफ सेक्रेटरी को रिलीज नहीं कर सकती है। ममता बनर्जी ने कहा कि फैसला कानून का उल्लंघन है और जनहित के खिलाफ है। सीएम ने लिखा कि मैं बंगाल की जनता की ओर से अपील करती हूं कि इस मुश्किल समय में ट्रांसफर के फैसले को रोका जाए।

 

 

यही नहीं सीएम ममता बनर्जी ने 28 मई को कुलाईकुंडा में हुई उस मीटिंग का भी जिक्र किया, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी को 30 मिनट तक उनका और चीफ सेक्रेटरी का इंतजार करना पड़ा था। ममता बनर्जी ने कहा कि यदि इस नए आदेश की वजह यह है तो फिर यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि ऐसा होता है तो यह राज्य की जनता के हितों के साथ अन्याय होगा। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी यास से पैदा हुए हालातों का जायजा लेने के लिए बंगाल दौरे पर गए थे। उन्होंने राज्य में यास चक्रवात से हुए नुकसान का हवाई सर्वे किया था और फिर एक समीक्षा बैठक के लिए पहुंचे थे। हालांकि इस मीटिंग में सीएम ममता बनर्जी देरी से आईं और कुछ मिनट रुकने के बाद ही निकल गई थीं।

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