बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण उत्तराखंड में ढीली पड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था, अस्पतालों में VIP कल्चर हुआ हावी

उत्तराखंड में कोरोना महामारी से प्रदेश का हाल बेहाल है. लोग ऑक्सीजन और आईसीयू बेड के लिए दर-दर भटक रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, लेकिन प्रदेश में वीआईपी कल्चर एक बार फिर हावी होता हुआ नजर आ रहा है.

उत्तराखंड के बड़े अस्पतालों में वीआईपी और राजनेताओं के परिवार या उनके परिचित लोग आसानी से अस्पतालों में भर्ती हो जा रहे हैं, लेकिन आमजन और गरीब आदमी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दर-दर ठोकरें खा रहा है.

उन्होंने कहा, ” कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए एंबुलेंस, ऑक्सीजन, दवाओं और उपकरणों जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को समय से पूरा किया जा रहा है ।“मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 अप्रैल को उन्होंने अहमदाबाद से 7500 रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाए थे जबकि दो दिन पहले फिर 2000 इंजेक्शन की खेप मिल चुकी है ।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 29 अप्रैल को सभी 13 जिलों में 108 सेवा के तहत 132 एंबुलेंस भेजी गयीं जिनमें 26 ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट और 96 ‘बेसिक लाइफ सपोर्ट उपकरणों से युक्त हैं । मैं आपकी सेवा के लिए सदैव प्रयासरत और तत्पर रहूंगा ।’

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है। इस बीच एक और चिंता बढ़ाने खबर सामने आई है। कोरोना की वजह से लोग म्यूकोरमाइकोसिस की चपेट में आ जा रहे हैं। गुजरात और दिल्ली में कई मामले सामने आए हैं, जहां कोरोना से रिकवरी के बाद लोग म्यूकोरमाइकोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।

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