बच्चों में लंबे समय तक रहे सकता है कोरोना का असर? जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट्स

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल
कोरोना वायरस से जुड़े हुए तमाम सवाल ऐसे हैं। जिनका सही जवाब अभी तक नहीं मिला है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल और चिंता बच्चों को लेकर है। बच्चों के माता-पिता के मन में एक सवाल उठ रहा है कि क्या बच्चों पर लंबे समय तक कोरोना वायरस का असर रह सकता है? कई एक्सपर्ट का मानना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो ये बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है। इसके बाद पेरेंट्स की ये चिंता बिल्कुल जायज है।

 

 

 

कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद बच्चों पर लंबे वक्त तक असर रहने वाले सवाल का जवाब ‘हां’  है। लेकिन कुछ स्टडी से पता चलता है कि बच्चों में एडल्ट की तुलना में उन लक्षणों से प्रभावित होने की आशंका कम होती है,जो संक्रमण के एक महीने या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं। बच्चों में लंबे कोरोना वायरस के रूप में जाने वाले लक्षण अक्सर कितनी बार देखने को मिलते हैं, इसे लेकर अनुमान अलग-अलग हैं।

 

 

 

एक स्टडी में पाया गया कि लगभग चार प्रतिशत छोटे बच्चों और किशोरों में संक्रमित होने के एक महीने से अधिक समय बाद तक कोरोना के लक्षण देखे गए। इन लक्षणों में थकानए सिरदर्द और सूंघने की शक्ति का चला जाना शामिल था और अधिकतर लक्षण दो महीने बाद समाप्त हो गए। खांसी, सीने में दर्द और ब्रेन फॉग (याद करने की शक्ति कम हो जाना या ध्यान केंद्रित न कर पाना) अन्य दीर्घकालिक लक्षणों में से हैं जो कभी-कभी बच्चों में भी पाए जाते हैंए और हल्के संक्रमण या कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होने के बाद भी हो सकते हैं।

 

 

 

कुछ स्टडी में ब्रिटेन के अध्ययन की तुलना में पाए गए कोरोना के लक्षण होने की संभावना ज्यादा पाई गई है, लेकिन फिर भी बच्चों में एडल्ट की तुलना में ये लक्षण कम प्रभावित माने गए हैं। करीब 30 प्रतिशत एडल्ट में कोविड-19 के लंबे वक्त से लक्षण विकसित होते हैं। एक्सपर्ट इस मामले में किसी ठोस तथ्य तक नहीं पहुंचे हैंए जिससे ये बताया जा सके कि लंबे वक्त से मौजूद लक्षणों के कारण क्या हो सकते हैंण् कुछ मामलों में यह शुरुआती संक्रमण के कारण अंगों को होने वाले नुकसान को दिखा सकता है या यह शरीर में मौजूद वायरस और सूजन का परिणाम हो सकता है। लॉन्ग कोविड की चर्चा लंबे समय से हो रही है, क्योंकि कई लोगों ने इसे झेला है।

 

 

 

कोरोना वारयस के संक्रामक रूप डेल्टा वेरिएंट के तेजी से फैलने की वजह से डॉक्टरों के बीच चिंता है। डेल्टा वेरिएंट बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है। इससे बच्चों में अलग तरह के भी लक्षण देखने को मिल सकते हैं। कोविड की चपेट में आने वाले बच्चों को देखते हुए अमेरिकी एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने रिकवर हुए बच्चों को लगातार डॉक्टरों को दिखाने की अपील की है ताकि लॉन्ग कोविड से निपटा जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button