पाकिस्तान में इस समय बुरी तरह फैली आर्थिक संकट की बीमारी

पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसने देश के अंदर बढ़ते इस भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए सोमवार को एक घोषणा भी की है। जिसके तहत पाकिस्तान ‘बेलआउट पैकेज’ के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद मांगेगा।

पाकिस्तान ने शुरुआती हिचकिचाहट और विलंब के बाद यह कदम उठाने की घोषणा की है। आईएमएफ से संपर्क करने का यह निर्णय प्रधानमंत्री इमरान खान ने लिया है। हालांकि, उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सहायता पहुंचाने के लिए इस तरह के कदमों का अतीत में विरोध किया था।

वहीं वित्त मंत्री असद उमर का कहना है कि विचार विमर्श के बाद जब प्रधानमंत्री इस फैसले को मंजूरी दे देंगे, तभी आईएमएफ से बातचीत शुरू की जाएगी। बता दें अगर पाकिस्तान की सरकार मदद के लिए आईएमएफ के पास जाती है तो यह उसका 13वां बेलआउट पैकेज होगा।

इस मामले में यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ पीस के सेहर तारीक ने पाकिस्तान को लेकर खतरे के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ‘निर्यात मंदा है, कर्ज बढ़ता जा रहा है, संकेत बेहद खराब हैं।’ लेकिन पाकिस्तान के पास आईएमएफ के अलावा मदद के लिए अभी चीन भी एक विक्लप है।

वहीं अगर बेलआउट पैकेज की बात करें तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही आईएमएफ को इस बारे में चेतावनी दे चुके हैं। उनका कहना है कि बेलआउट के जरिए मिलने वाली मदद का इस्तेमाल पाकिस्तान चीन से लिए गए कर्ज को चुकाने में कर सकता है।

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