नॉर्थ कोरिया के शासक के बीच होते हुए इस कम्युनिस्ट राष्ट्र पर दुनियाभर की टिकी निगाहें
नॉर्थ कोरिया के शासक के बीच होते हुए इस कम्युनिस्ट राष्ट्र पर दुनियाभर की निगाहें आ टिकी हैं। वियतनाम ने दोनों शक्तिशाली नेताओं के बीच दूसरी शिखर बातचीत के लिए स्थान के तौर पर अपना राष्ट्र को चुने जाने पर रिएक्शन दी है व इसका का स्वागत भी किया है। मेजबान राष्ट्र ने बुधवार को निर्णय का स्वागत किया व मीटिंग को पास बनाने की कसम भी खाई।
वियतनाम का यह है रुख
वियतनाम के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ली थी थू हंग ने अपनी रिएक्शन में पत्रकारों के सवालों के जवाब बोला कि ‘वियतनाम वार्ता के जरिये शांति लाने की पेशकश का पुरजोर स्वागत करता है। साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप में सुरक्षा व स्थिरता की प्रतिबद्धता को भी दोहराता है’। उन्होंने आगे कहा, ‘वियतनाम अमेरिका व उत्तर कोरिया के बीच वार्ता में योगदान के लिए अपनी सक्रिय किरदार निभाएगा, ताकि बातचीत के लिए तय उद्देश्य को पूरा किया जा सके’।
तो इसलिए बातचीत वियतनाम में होना तय हुई
दरअसल, दोनों नेताओं के बीच पहली शिखर बातचीत सिंगापुर में ही हुई थी। सिंगापुर की ही तरह वियतनाम के भी अमेरिका व उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक संबंध हैं। उत्तर कोरिया का हनोई में एक उच्चायोग है व हालिया सामने आई एक रपट से भी पता चला है कि किम वियतनाम के आर्थिक व राजनीतिक मॉडल को अपनाने में बहुत ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं।
नॉर्थ कोरिया व वियतनाम के बीच राजनयिक संबंध रहे हैं
पिछले वर्ष नवंबर के महीने में उत्तर कोरियाई दल अपने विदेश मंत्री के नेतृत्व में हनोई गया था। इस प्रतिनिधिमंडल ने इस दल ने वियतनाम गवर्नमेंट के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी वियतनाम से कोरियाई प्रायद्वीप में आ रहे सकारात्मक बदलावों पर खुशी जताई थी। नॉर्थ कोरिया ने सामाजिक-आर्थिक विकास के अनुभवों को उनसे साझा करने की बात कही थी। खास बात यह भी है कि सन 1950 से ही नॉर्थ कोरिया व वियतनाम के बीच राजनयिक संबंध रहे हैं। हालांकि बीच-बीच में दोनों मुल्कों के बीच व्यापार के कई पहलुओं पर मतभेद भी हुए, लेकिन वियतनाम ने दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को कोई बड़ा झटका नहीं लगने दिया।
वियतनाम के आर्थिक उभार से प्रभावित हैं किम
दक्षिण कोरिया की मीडिया का भी कहना है कि भी पर्सनल रूप से वियतनाम के दुनियाभर में आर्थिक एवं सामाजिक उभार से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन व उत्तर कोरियाई नेता के बीच मुलाकात हुई थी तो उन्होंने चाइना के बजाए वियतनाम के आर्थिक मॉडल की तारीफ की थी।
वियतनाम डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक सुरक्षित ठिकाना भी है
इस मुलाकात के लिए एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही जा रही है वियतनाम डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक सुरक्षित ठिकाना भी है, क्योंकि बीते कुछ वर्षों में अमेरिका-वियतनाम के संबंध बहुत ज्यादा सुधरे हैं। वियतनाम की गवर्नमेंट के कई अधिकारियों ने ट्रंप व उनके पहले राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा के साथ भी कई बार वार्ता की हैं। मई 2017 में खुद ट्रंप ने वियतनाम के पीएम का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था। इसके बाद वर्ष के अंत में ट्रंप भी वियतनाम गए थे। दोनों राष्ट्रों के बीच बहुत ज्यादा अहम व्यापारिक संबंध भी हैं, जोकि अमेरिका-चीन की कारोबारी खींचतान के इस दौर में व भी अहम हो जाते हैं।
पिछले वर्ष सिंगापुर में हुई थी पहली मुलाकात
उल्लेखनीय है कि अमेरिका व नॉर्थ कोरिया के शीर्ष नेताओं के बीच पहली मुलाकात पिछले वर्ष जून में सिंगापुर में हुई थी, जहां उन्होंने चार सूत्रीय दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण रूप से परमाणु निरस्त्रीकरण व सुरक्षा की गारंटी को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई थी, लेकिन इस ऐतिहासिक मीटिंग में किए गए समझौतों का कार्यान्वयन तब से धीमा है।
ट्रंप ने खुद किया ऐलान, वियतनाम में होगी वार्ता
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन के दौरान उत्तर कोरिया के नेता के साथ होने वाली अपनी दूसरी मुलाकात के जगह व तारीख की घोषणा कर दी थी। उनकी किम के साथ उनकी दूसरी शिखर बातचीत 27 व 28 फरवरी को वियतनाम में होगी। लेकिन यह अभी तक साफ नहीं है कि दोनों शीर्ष नेताओं की यह बातचीतवियतनाम के किस शहर में होगी? हालांकि यह चर्चा है कि दोनों नेता वियतनाम की राजधानी हनोई या तटीय शहर दा नांग में मिलेंगे।