जर्मनी में पहली बार दक्षिणपंथियों के खिलाफ उमड़ा जन सैलाब

जर्मनी में घृणा और प्रवासी विरोधी सोच को हवा देने वाले दक्षिणपंथियों का बड़े पैमाने पर विरोध किया गया है। बॉन शहर के पास केमनिट्स इलाके को कम्युनिस्टों से प्रभावित माना जाता रहा है। यहां देर रात को नस्लभेद के खिलाफ हुए एक कंसर्ट में पंक एंड हिप हॉप हैंड के एक कार्यक्रम में नाजियों के विरुद्ध नारेबाजी की गई। जर्मनी एकीकरण के बाद पहली बार यहां इस तरह का विरोध प्रदर्शन हुआ है।

दरअसल पिछले माह यहां एक 35 वर्षीय युवक की चाकू से हुए हमले में मौत के बाद दो प्रवासियों की पहचान हुई थी, जिसके बाद शहर में दक्षिणपंथी एकजुट हुए और रैलियां निकालीं। इसी की प्रतिक्रिया में यहां नस्लभेदी कंसर्ट में नाजियो को बाहर करो जैसे नारे लगाए गए।

कंसर्ट की शुरूआत चाकू पीड़ित युवा की मौत के लिए एक मिनट का मौन रखकर हुई। इसके बाद एक गायक ने कहा कि हम इस भ्रम में नहीं है कि कंसर्ट करके दुनिया को बचा सकेंगे, बल्कि हम यह दिखाना चाहते हैं कि हम अकेले नहीं हैं।

जर्मनी में हिटलर के बाद पिछले कुछ वर्षों में दक्षिणपंथी विचारधारा को दोबारा पोषित करने की कोशिश की जा रही है। इसे लेकर जर्मनी चांसलर भी पसोपेश में हैं, क्योंकि विपक्ष में ऐसे सदस्यों के कारण शरणार्थियों के खिलाफ एक गुट हावी होता जा रहा है।

इसी कारण नरमपंथी लोग एकजुट होकर प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। इसी कारण दबाव में आकर कंसर्ट के दौरान स्थानीय पुलिस ने कुछेक दक्षिणपंथियों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी।

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