गोंडा जिले में हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस ने लगाई फाइनल रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पुलिस ने एक गैंगरेप के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इस बात से आहत होकर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन सकते में आ गया है। पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने दोनों विवेचनाओं में एफआर लगाने वाले दोनों निरीक्षकों को सस्पेंड कर दिया। साथ इस मामले की जांच इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह को सौप दी गई है।

पिछले साल दर्ज हुआ था केस

मामला थाना कोतवाली करनैलगंज क्षेत्र के एक गांव का है। यहां की निवासी एक महिला ने 7 अगस्त 18 को कोतवाली करनैलगंज में गैंगरेप, धमकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसमें गया था कि उनके गांव के ही श्याम कुमार उर्फ बुधई और शंकर दयाल उर्फ बल्लू पुत्र गंगाराम दोनों भाइयों ने मिलकर तांत्रिक विद्या का जानकार बताते हुए उसके पति को एक दूसरी महिला के जाल में फंसा होने का बहाना बताया। इसके बाद इससे पीछा छुड़ाने के लिए तांत्रिक विद्या का इस्तेमाल करते हुए उसे ब्लैकमेल किया। आरोप है कि दोनों ने 7 फरवरी 2018 को उसके साथ बलात्कार किया।

पीड़िता ने किया था दो आरोपियों को नामजद

पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने पति को दी। जिसके बाद उसने कोतवाली में दोनों आरोपियों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले की विवेचना करनैलगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर अजीत प्रताप सिंह द्वारा की जा रही थी। इसमें अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि साक्ष्य के अभाव में मुकदमे की विवेचना कर उसमें फाइनल रिपोर्ट लगाई गई। पुलिस द्वारा फाइनल लगाने के बाद महिला ने कुछ दिन पूर्व लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया। इसके बाद अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए करनैलगंज पुलिस द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट को दरकिनार कर इसकी विवेचना क्राइम ब्रांच द्वारा कराने के निर्देश दिए। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह ने इसकी विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंपी।

एसएसपी ने किया दोनों निरीक्षकों को सस्पेंड

बताया जाता है कि क्राइम ब्रांच ने भी विवेचना कर मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया और मामले का पटाक्षेप हो गया। सोमवार को पीड़ित महिला ने अपने ही घर में ही छत में लगे हुक के सहारे फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। मृतका के पति का आरोप है कि पुलिस से उसे न्याय नहीं मिला, जिससे क्षुब्ध होकर महिला ने आत्महत्या कर ली है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राकेश प्रकाश सिंह ने दोनों विवेचनाओं में एफआर लगाने वाले दोनों निरीक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही इस मामले की जांच एसएसपी ने इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह को सौपी है।

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