अरविंद केजरीवाल ने किया ऐलान, कहा- 45 उम्र वालों के लिए, आज से जहां वोट वहां वैक्सीनेशन अभियान होगा शुरू

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऐलान किया कि 45 साल से अधिक लोगों के लिए दिल्ली में आज से एक स्पेशल अभियान शुरू किया जा रहा है जिसका नाम जहां वोट वहां वैक्सीनेशन है। अगर वैक्सीन की कमी नहीं हुई तो इस अभियान के तहत दिल्ली में 4 हफ्तों में 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी।

 

 

केजरीवाल ने कहा कि टीकाकरण केंद्रों पर ज्यादा लोग नहीं आ रहे हैं। दिल्ली में योजनाबद्ध तरीके से बूथ स्तर पर वैक्सीन लगाने की तैयारी के तहत बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) की एक टीम अगले 2 दिनों में हर घर का दौरा करेगी और टीकाकरण के लिए एक स्लॉट प्रदान करेगी। बीएलओ उन लोगों को मनाएगा जो टीका नहीं लगवाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत हम लोगों के घर-घर जाएंगे और कहेंगे कि जहां आप वोट डालने जाते हो आप वहीं जाएं और वहां पर आपके वैक्सीनेशन का हमने इंतजाम किया हुआ है। आज से दिल्ली के 70 वार्ड से ये शुरू किया जाएगा और 4 हफ्ते में सभी 280 वार्ड में अभियान पूरा होगा।

 

 

आज जिन 70 वार्ड में ये अभियान शुरू किया जा रहा है वहां के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को आज ट्रेनिंग दी जा रही है। ये BLO अगले 2 दिन हर घर में जाकर पूछेंगे कि 45 साल से अधिक के लोग कौन है, क्या उन्हें वैक्सीन लग चुकी है अगर नहीं तो वो उन्हें वैक्सीन लगवाने का स्लॉट देकर आएंगे। दिल्ली सरकार ने रविवार को निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को निर्देश दिया कि 18-44 साल आयु समूह में जून के महीने या अगले आदेश तक कोवैक्सीन सिर्फ दूसरी खुराक लेने वालों को लगाएं।

 

 

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने स्वास्थ्य और राजस्व विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों से आदेश का अक्षरशरू पालन सुनिश्चित करने को कहा है। आदेश में कहा गया है कि डीडीएमए निर्देश देता है कि कोवैक्सीन के लिए कोविड टीकाकरण केंद्रों के रूप में कार्य करने वाले सभी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम यह सुनिश्चित करेंगे कि जून या अगले आदेश तक कोवैक्सीन का उपयोग केवल उन लोगों (18-44 वर्ष की आयु) के टीकाकरण के लिए किया जाएगा, जो इस दौरान टीकाकरण की दूसरी खुराक लेने के पात्र हैं।

आदेश के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, महामारी अधिनियम और अन्य लागू कानूनों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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