अमेरिका जैसे देश को इस कड़ाके की सर्दी ने बनाया पंगु

कड़ाके की सर्दी अमेरिका जैसे देश को पंगु बना सकती है. कई राज्यों में लोगों को बाहर बिल्कुल न निकलने की चेतावनी दी गई है.उत्तरी ध्रुव के बर्फीले इलाके आर्कटिक से कड़कड़ाती हवा सीधे अमेरिका में दाखिल हो रही है. जानलेवा सर्दी का असर लाखों लोगों पर पड़ेगा. स्कूल बंद कर दिए गए हैं. सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से घर पर रहने को कहा है. किसी भी मौसम में डाक पहुंचाने के लिए विख्यात अमेरिकी पोस्टल सर्विस ने भी आइओवा प्रांत में डिलिवरी सर्विस निलंबित कर दी है.

मौसम ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को काफी हद तक शटडाउन सा कर दिया है. 1,930 किलोमीटर लंबे भूभाग में फैले अमेरिका के 12 राज्यों में इस पीढ़ी की सबसे ज्यादा ठंड पड़ने वाली है. नेशनल वेदर सर्विस (NWS) के मुताबिक “बेहद कम तापमान, काटने वाली सर्दी और जानलेवा सर्द हवा” बड़े इलाके में तामपान को न्यूनतम के रिकॉर्ड पर ले जाएंगी. वेदर सर्विस ने तापमान के माइनस 10 से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की चेतावनी दी है. मिनेसोटा राज्य के एक इलाके में पारा माइनस 52 डिग्री तक जा सकता है. अमेरिका के तीसरे बड़े शहर शिकागो में आने वाले दिनों में अंटार्कटिका से ज्यादा सर्दी होगी.

कई शहरों में प्रशासन को इमरजेंसी मोड पर रखा गया है. NWS ने लोगों से बाहर न निकलने की अपील की है, “बहुत ही ज्यादा सर्दी का सामना करने वाले लोग कुछ ही मिनटों के भीतर फ्रॉस्टबाइट का शिकार हो सकते हैं.” फ्रॉस्टबाइट उस स्थिति को कहते हैं जब अत्यधिक ठंड में शरीर सुन्न होकर खराब होने लगते हैं. आम तौर पर चेहरा, हाथ और पैर फ्रॉस्टबाइट के शिकार होते हैं. फ्रॉस्टबाइट की शुरुआत में रक्त प्रवाह करने वाली नसें जमने लगती हैं.

इससे शरीर के कुछ हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और ऊतक मरने में लगते हैं. फ्रॉस्टबाइट का शिकार होने वाले अंगों का रंग गहरा नीला या काला पड़ जाता है. देर तक फ्रॉस्टबाइट का शिकार होने पर जान बचाने के लिए हाथ और पैरों को काटना तक पड़ सकता है.

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