सत्र 2014-15 का 16360 करोड़ का भुगतान और अवशेष 4284 करोड़ का भी भुगतान करने के निर्देश और पेराई सत्र विलम्ब होने पर टेकओवर कर लेगी सरकार और की जायेगी सख्त कार्यवाही-मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रदेश के गन्ना किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुये कड़े निर्देश दिये हैं कि चीनी मिलों ने गन्ना पेराई का कार्य समय से प्रारम्भ न किया तो उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा चीनी मिलों ने वर्तमान पेराई सत्र में अपनी चीनी मिलें न चलाने की सूचना दी है, उन्हें प्रत्येक दशा में किसानों एवं प्रदेश के हित में पेराई का कार्य समय से प्रारम्भ कराना होगा, अन्यथा प्रदेश सरकार द्वारा ऐसी चीनी मिलों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई कराने के साथ-साथ टेकओवर कर इन चीनी मिलों को चलवाना सुनिश्चित करेगी।
शाश्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग राहुल भटनागर, गन्ना आयुक्त अजय कुमार सिंह एवं गन्ना विकास समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने गन्ना समितियांे के खातों का संचालन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से कराने पर गन्ना आयुक्त को निर्देश दिये गये कि इस प्रकरण पर नियमानुसार विचार कर यथाशीघ्र समुचित कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।
अलोक रंजन ने बताया कि प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के हित को दृष्टिगत रखते हुये पेराई सत्र 2014-15 का 16,360 करोड़ रुपये का भुगतान कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अवशेष लगभग 4284 करोड़ रुपये का भुगतान भी यथाशीघ्र कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों के हित को दृष्टिगत रखते हुये उनके गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु लगभग 3700 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जा चुकी है।
गन्ना आयुक्त अजय कुमार सिंह ने बताया कि पांच निजी चीनी मिलें-गागनौली (सहारनपुर), रोज़ा (शाहजहांपुर), खलीलाबाद (संत कबीर नगर), वाल्टरगंज (बस्ती) एवं प्रतापपुर (देवरिया) ने वर्तमान पेराई सत्र में गन्ना पेराई का कार्य न करने की सूचना दी है। उन्होंने बताया कि इन चीनी मिलों को निर्देशित किया गया है कि वर्तमान पेराई सत्र में गन्ना किसानों के हित को दृष्टिगत रखते हुये गन्ना पेराई का कार्य समय से प्रारम्भ कराना होगा।