भारत में कोरोना से बचाव के लिए जल्द ही आएगा, स्पूतनिक वी का लाइट वर्जन

स्टार एक्सप्रेेस डिजिटल  : भारत को वैक्सीन की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब एक और वैक्सीन स्पूतनिक-वी भी अगले सप्ताह से मार्केट में उपलब्ध होगी।

 

 

इन सब के बीच भारत में रूसी राजदूत एन कुदाशेव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि स्पुतनिक वी रूसी-भारतीय टीका है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत में इसका उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाकर 85 करोड़ खुराक प्रति वर्ष तक किया जाएगा। भारत में जल्द ही स्पूतनिक की सिंगल-डोज वैक्सीन पेश करने की योजना है। एन कुदाशेव ने कहा है कि स्पूतनिक वी की प्रभावशीलता दुनिया में अच्छी तरह से जानी जाती है। रूस में 2020 की दूसरी छमाही से शुरू होने वाले लोगों के टीकाकरण में इसका सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रूसी विशेषज्ञों ने घोषणा की है कि यह वैक्सीन नए कोविड-19 वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है।

 

 

स्पूतनिक वी का लाइट वर्जन सिंगल डोज में ही कोरोना वायरस का काम तमाम कर देगा। रूस के अनुसार स्पूतनिक वी का लाइट वर्जन सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन है जो कि 80 फीसदी तक प्रभावी है। कंपनी का दावा है कि उसका लाइट वर्जन वैक्सीन दो डोज वाले टीकों की तुलना में सिंगल डोज में ही अधिक कारगर है। स्पूतनिक के इस लाइट वर्जन वैक्सीन को रूसी सरकार की मंजूरी भी मिल गई है।

 

 

स्पूतनिक की क्षमता पर शुरुआत में सवाल खड़े किए गए थे, मगर बाद में जब इस साल फरवरी में ट्रायल के डेटा को द लांसेट में पब्लिश किया गया तो इसमें इस वैक्सीन को सेफ और इफेक्टिव बताया गया। दरअसल कोविड-19 के रूसी टीके स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया। द लांसेट जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों के अंतरिम विश्लेषण में यह दावा किया गया है। अध्ययन के ये नतीजे करीब 20,000 प्रतिभागियों से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित हैं।

भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने देश में कुछ शर्तों के साथ रूसी कोरोना टीके स्पूतनिक वी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की थी, जिस पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने अपनी मुहर लगाई। गमालया इंस्टीट्यूट ने दावा किया की कि स्पुतनिक-वी कोरोना के खिलाफ अब तक विकसित सभी टीकों में सबसे अधिक प्रभावी है।

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