स्कूल चलें हम योजना का योगी आदित्यनाथ ने किया शुभारंभ, ये हैं खास बातें

स्टार एक्सप्रेस

Lucknow. कोविड-19 महामारी ने लगभग हर क्षेत्र पर अपना अभूतपूर्व प्रभाव डाला है और मानव जीवन के सभी पहलुओं को बाधित किया उनमें से शिक्षा का क्षेत्र भी अछूता नहीं है। इस महामारी की वजह से अभी तक सभी स्कूल बंद थे और इससे देश भर के स्कूलों के करीब 240 मिलियन से अधिक बच्चे प्रभावित रहे हैं।

लेकिन पोस्ट कोविड उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से फिजिकल रूप से स्कूलों को खोलने के लिए 4 अप्रैल 2022, शनिवार से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत किया है। स्कूली शिक्षा के प्रति बच्चों और अभिभावकों को जागरूक बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रावस्ती से इस प्रदेशव्यापी अभियान की औपचारिक शुरुआत की। इस अभियान का फोकस कम साक्षरता वाले जिलों पर विशेष रूप से रहेगा।

 

आबादी के आधार पर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने की दिशा के रूप में इसे एक अहम कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विधायकों को एक-एक स्कूल गोद लेने के निर्देश भी दिए हैं। अभियान के तहत स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही छात्रों को यूनिफॉर्म और जूते-मोजे भी उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं, शौचालय, पेयजल, पर्याप्त फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्ध सुनिश्चित की जाएगी।

शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री की योजना के अनुसार, स्कूल चलो अभियान का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शत प्रतिशन नामांकन सुनिश्चित करना है।

30 अप्रैल तक चलेगा अभियान

बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि 30 अप्रैल तक चलने वाले अभियान में सर्वाधिक बच्चों का नामांकन करने वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने और प्रतिदिन स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे और मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी देंगे।

श्रावस्ती जिले में राज्य में सबसे कम साक्षरता दर

यह अभियान राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा के भविष्य को आकार देने और प्राथमिक विद्यालयों के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कम साक्षरता दर वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाए और राज्य के प्राथमिक स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाए। श्रावस्ती जिले में राज्य में सबसे कम साक्षरता दर है, इसके बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर आते हैं। सीएम योगी ने कहा कि सरकारी स्कूलों को ऑपरेशन कायाकल्प के तहत नया रूप दिया जाएगा।

विधायकों को भी गोद लेना होगा स्कूल

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और विधायकों को स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी की योजनानुसार जनप्रतिनिधि न केवल अभियान से जुड़ेंगे, बल्कि विधायकों को एक-एक स्कूल गोद लेना होगा। इसके अलावा, अधिकारियों को भी एक-एक स्कूल के समग्र विकास पर ध्यान देना होगा। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग को सभी सरकारी स्कूलों को छात्रों को शौचालय, पीने का पानी, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।

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