World Alzheimer’s Day 2021 : जानिये क्या होती है अल्जाइमर बीमारी और क्या होते है लक्षण और बचाव

World Alzheimer's Day

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : दुनिया भर में 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे (World Alzheimer’s Day 2021) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करना है। अल्जाइमर नर्वस सिस्टम से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जो यादाश्त पर बुरा असर डालती है।

दुनिया भर में 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है। ये ऐसी बीमारी है जो मरीजों को छोटी-छोटी चीजें याद रखने में भी बहुत मुश्किल होती है।हमारी यादाश्त भी कई तरीके की होती है जो अल्जाइमर से प्रभावित होती है।

 

प्रासंगिक यादाश्त- प्रासंगिक यादाश्त यानी कि एपिसोडिक मेमोरी (Episodic memory) में वो घटनाएं होती हैं जिन्हें हम पिछले कुछ सालों में याद रखते हैं। एक फोटो एलबम की तरह एपिसोडिक यादाश्त हमारे बचपन से लेकर हमारे बड़े होने तक, हमारी कोई अच्छी छुट्टी से लेकर पिछले हफ्ते हमने क्या किया और यहां तक कि हमने आज सुबह नाश्ते में क्या खाया, ये सब याद रखता है। इन चीजों को याद करने के लिए हमें एक तरह की मानसिक यात्रा करनी पड़ती है कि इस समय हम कहां थे, किसके साथ थे और कब गए थे। एपिसोडिक मेमोरी बिगड़ जाने पर हम ये चीजें याद नहीं कर पाते हैं।

 

पढ़ा-लिखा हुआ भूल जाना- एपिसोडिक मेमोरी के ठीक उलट सिमेंटिक मेमोरी होती है। इस मेमोरी में चीजों को फिर से याद करने जैसे कि किसी तरह की मेंटल जर्नी नहीं करनी होती है। इसमें पढ़ा-लिखा, बाहरी दुनिया में हो रही घटनाएं या फिर सामान्य ज्ञान जैसी चीजें भूल जाते हैं। ये किसी खास जगह या समय से जुड़ी हुई नहीं होती है।

 

दिमाग के अलग- अलग हिस्सों पर असर- एपिसोडिक और सिमेंटिक मेमोरी हमारे हर दिन के काम से जुड़ी होती है और इनमें लगातार कुछ ना कुछ जुड़ता जाता है। इन दोनों मेमोरी के बावजूद भी हमारे दिमाग के कुछ हिस्से ऐसे होते हैं जो इनसे अलग होते हैं। ब्रेन के सिस्टम में बीचोबीच हिप्पोकैम्पी नाम की एक संरचना होती है जो हमारी यादाश्त को बनाती हैं और इन्हें याद रखने का काम करती हैं।

 

अल्जाइमर बीमारी क्या है (Alzheimers disease and diagnosis)- आमतौर पर अल्जाइमर बीमारी एपिसोडिक मेमोरी से ही जुड़ी होती है। जिसमें हर अपने जीवन की प्रमुख घटनाएं धीरे-धीरे भूलने लगते हैं। मरीजों को पूर्व में अपनी अनुभव की गई चीजें याद नहीं रहती हैं। इसे न्यूरोसाइकोलॉजी के जरिए समझा जाता है। इस पर कई तरह की स्टडीज की जा चुकी हैं। नई स्टडीज के मुताबिक अल्जाइमर के मरीजों की सिमेंटिक मेमोरी सबसे पहले प्रभावित होती है।

 

अल्जाइमर का इलाज – अच्छी बात ये है कि यादाश्त को बढ़ाने के कई तरीके उपलब्ध हैं जिससे इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। डॉक्टर्स किताब पढ़ने, सुडोकू, क्रॉसवर् पजल्स या फिर बोर्ड गेम्स जैसी चीजें खेलने को देते हैं. इसके अलावा सोशल एक्टिविटी बढ़ाने और लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाता है। इसमें फिजिकल एक्टिविटी, अच्छी डाइट और अच्छी नींद शामिल हैं।

 

कैसे करें बचाव
– भुलने की परेशानी से उबरने के लिए मरीज रोजमर्रा के काम नियमित रूप से करते रहें
– योग करें। प्राणायाम फायदेमंद हो सकता है। परिवार संग मिलकर बातें करें। टहलें और पौष्टिक भोजन लें

 

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