Sutanpur News: अन्तर्राष्ट्रीय अवबोध, अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना के विकास से सम्भव है – डॉ संतोष अंश

अंतर्राष्ट्रीय अवबोध में शिक्षा की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

स्टार एक्सप्रेस/ संवाददाता

सुल्तानपुर । राणा प्रताप पीजी कॉलेज के बी एड विभाग ने बी एड प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों हेतु एक विद्यार्थी संगोष्ठी का आयोजन किया । इस संगोष्ठी का विषय अंतर्राष्ट्रीय अवबोध में शिक्षा की भूमिका रखा गया था । इस संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञ बी एड विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संतोष कुमार सिंह अंश ने विषय रखते हुए कहा कि शिक्षा द्वारा हम व्यक्ति में विश्व नागरिकता, विश्व बन्धुत्व अन्तर्राष्ट्रीय की भावना, मानव-प्रेम और सहानूभूति की भावना उत्पन्न करने में सफल हो सकते हैं।

अभी तक हमारा प्रयास अनेक स्कूलों, विषयों और कार्यक्रमों द्वारा राष्ट्रीयता का निर्माण करना रहा है। हमने अन्तर्राष्ट्रीयता के निर्माण पर बल नहीं दिया है। जब हमारा राष्ट्रीयता सम्बन्धी दायरा संकुचित हो जाता है तो राष्ट्रों के सह-अस्तित्व के नियम को खतरा सताने लगता है। इससे हमारा देश सब देशों से श्रेष्ठ’ वाली प्रवृत्ति उत्पन्न होने लगती है। परिणामस्वरूप उपर्युक्त कारणों से शोषण की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है और राष्ट्रों के बीच संघर्ष होने लगता है। अतः हमारी शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का संकीर्ण राष्ट्रीय विकास तक सीमित नहीं होना चाहिए।

उसे तो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस रूप में प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे सब में उदार अन्तर्राष्ट्रीयता और सह-अस्तित्व की भावन जन्म ले। अन्तर्राष्ट्रीय अवबोध, अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना के विकास से सम्भव है। इसके लिए हमें बालकों में स्वतन्त्र चिन्तन और स्वतन्त्र निर्णय लेने की ऊर्जा पैदा करनी चाहिये। हम सभी शिक्षा-साधनों को चाहे वे औपचारिक हो या अनौपचारिक ।इस ऊर्जा के विकास के लिए उपयोग में ला सकते हैं। विद्यालय, परिवार, पुस्तक, प्रेस, नाटक, सिनेमा, रेडियो तथा टी०वी० आदि का उपयोग इस दिशा में सफलतापूर्वक किया जा सकता है। विश्व में जितनी भी अच्छाइयाँ या बुराइयाँ जन्म लेती हैं उनके लिए संसार के सभी लोग समान रूप से जिम्मेदार होते हैं।

यह बात शिक्षा द्वारा स्पष्ट की जानी चाहिए और बच्चों को बताया जाए कि किस तरह सामूहिक उत्तरदायित्व द्वारा विश्व में अच्छाइयाँ लायी जा सकती हैं और संसार की बुराइयाँ दूर करना सम्भव है। हम सब विश्वरूपी, कुटुम्ब के सदस्य हैं। हमें सह-अस्तित्व के सिद्धान्त के अनुसार एक-दूसरे से प्रेम तथा सहयोग करना चाहिए। यदि यह विश्वबन्धुत्व की भावना सभी राष्ट्र के नागरिकों में शिक्षा द्वारा लायी जाए तो इससे विश्वशान्ति के लिए अच्छे वातावरण का निर्माण होगा। इस संगोष्ठी में स्मिता तिवारी, शिवानी चौरसिया, प्रज्ञा अग्रहरि, शिवानी, वैशाली सिंह, प्रतिभा यादव, एलिना फातिमा, प्रियंका प्रजापति, खुशनुमा ,आस्था, अनुराधा, अर्चिता यादव, विवेक ,सत्यम त्रिपाठी, संदीप सिंह, महेश कुमार गौंड आदि ने अपने विचार व्यक्त किए । इस संगोष्ठी का सफल संचालन सत्येंद्र शुक्ला ने किया। इस संगोष्ठी में बी एड प्रथम वर्ष के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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