प्रधानमंत्री आवास योजना को जिम्मेदार ही लगा रहे पलीता

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल

 

प्रधान और सिक्रेटरी ने पात्र को नहीं दिया आवास

हरदोई शाहाबाद ।प्रधानमंत्री आवास योजना को प्रधान सिक्रेटरी सभासद नगर पालिका और डूडा के जिम्मेदार अधिकारी ही निजी स्वार्थ के चलते पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।जनपद की ब्लाक शाहाबाद में कई ऐसे गंभीर भ्रष्टाचार उजागर हुए और उन पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर गोलमोल तरीके से फर्जी आख्या लगाकर शासन को प्रेषित कर दी जाती है वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को शाहबाद के प्रधानमंत्री आवास योजना को जिम्मेदार ही लगा रहे पलीता

प्रधान और सिक्रेटरी ने पात्र को नहीं दिया आवास

शाहाबाद हरदोई। प्रधानमंत्री आवास योजना को प्रधान सिक्रेटरी सभासद नगर पालिका और डूडा के जिम्मेदार अधिकारी ही निजी स्वार्थ के चलते पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।जनपद की ब्लाक शाहाबाद में कई ऐसे गंभीर भ्रष्टाचार उजागर हुए और उन पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर गोलमोल तरीके से फर्जी आख्या लगाकर शासन को प्रेषित कर दी जाती है वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को शाहबाद के जिम्मेदार अधिकारी फर्जी आख्या लगाकर शासन की नीति व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाने को मजबूर करते हैं एक मामला फिर सामने आया है ग्राम पंचायत अगापुर के प्रधान अखिलेश अपनी राजनीतिक हनक के चलते अपात्रों से भारी भरकम मोटी रकम लेकर आवास देने का काम कर रहे हैं और उनका कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे ग्राम विकास अधिकारी आवास पात्रता की सूची में रेनू पत्नी अजीत जिनका कच्चा घर बना हुआ है और छत में धन्नी जो पड़ी हैं उसमें से दो टूट चुकी है उस पर भी जिम्मेदारों ने उसका पात्रता सूची से नाम काट दिया कि यह आवास पात्रता सूची में नहीं आता और अजीत की मां कुसमा पत्नी सुरेश चंद्र रमता पत्नी पातीराम आदि ऐसे आवास के जो पात्र व्यक्ति हैं उनसे मोटी रकम न मिलने से उनको प्रधान और सेक्रेटरी ने उनको अपात्र घोषित कर दिया और रामाकांति पत्नी रामप्रकाश का मकान नहीं बल्कि कोठी बनी है उनके मकान में पूरा प्लास्टर फर्श संगमरमर के पत्थर मोटर पानी की टंकी जनरेटर आदि व्यवस्थाओं से लैस होने के बावजूद उनके खाते में आवास की पहली किस्त का पैसा भी इसी माह पहुंच चुका है पीड़ित रेनू पत्नी अजीत के द्वारा जिलाधिकारी हरदोई सीडीओ हरदोई खंड विकास अधिकारी शाहबाद मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र भेजकर सूची से काटा गया नाम जोड़ा जाए और आवास दिलाए जाने के लिए कई प्रार्थना पत्र दिए जिसमें कई बार पीड़ित के प्रार्थना पत्र जांच हुई लेकिन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की रिपोर्ट में या सिद्ध हो गया कि शिकायतकर्ता अपात्र है लेकिन वास्तव में अगर जांच सही हो जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि कौन पात्र और कौन अपात्र
इसकी जानकारी होने पर पत्रकारों की टीम भी मौके पर पहुंची और उसने भी जांच-पड़ताल की जिसमें पाया गया कि पीड़ित रेनू पत्नी अजीत कुसुमा पत्नी सुरेश चंद रमता पत्नी पातीराम वास्तव में आवास के पात्र हैं और इनको आवास की आवश्यकता भी है और जो रामाकांति पत्नी रामप्रकाश को आवास की पहली किस्त जारी हुई वह पूर्णतया गलत है वही ग्राम प्रधान अपनी राजनीतिक के चलते पीड़ित शिकायतकर्ता के खिलाफ व उसके भाइयों के खिलाफ थाने में तहरीर दिलवाकर पुलिस के द्वारा नाजायज परेशान करने का भी काम किया जा रहा है और कहां जा रहा है कि अगर बार-बार शिकायत करोगे तो आपको जेल जाने से कोई रोक नहीं सकताजिम्मेदार अधिकारी फर्जी आख्या लगाकर शासन की नीति व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाने को मजबूर करते हैं एक मामला फिर सामने आया है ग्राम पंचायत अगापुर के प्रधान अखिलेश अपनी राजनीतिक हनक के चलते अपात्रों से भारी भरकम मोटी रकम लेकर आवास देने का काम कर रहे हैं और उनका कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे ग्राम विकास अधिकारी आवास पात्रता की सूची में रेनू पत्नी अजीत जिनका कच्चा घर बना हुआ है और छत में धन्नी जो पड़ी हैं उसमें से दो टूट चुकी है उस पर भी जिम्मेदारों ने उसका पात्रता सूची से नाम काट दिया कि यह आवास पात्रता सूची में नहीं आता और अजीत की मां कुसमा पत्नी सुरेश चंद्र रमता पत्नी पातीराम आदि ऐसे आवास के जो पात्र व्यक्ति हैं उनसे मोटी रकम न मिलने से उनको प्रधान और सेक्रेटरी ने उनको अपात्र घोषित कर दिया और रामाकांति पत्नी रामप्रकाश का मकान नहीं बल्कि कोठी बनी है उनके मकान में पूरा प्लास्टर फर्श संगमरमर के पत्थर मोटर पानी की टंकी जनरेटर आदि व्यवस्थाओं से लैस होने के बावजूद उनके खाते में आवास की पहली किस्त का पैसा भी इसी माह पहुंच चुका है पीड़ित रेनू पत्नी अजीत के द्वारा जिलाधिकारी हरदोई सीडीओ हरदोई खंड विकास अधिकारी शाहबाद मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र भेजकर सूची से काटा गया नाम जोड़ा जाए और आवास दिलाए जाने के लिए कई प्रार्थना पत्र दिए जिसमें कई बार पीड़ित के प्रार्थना पत्र जांच हुई लेकिन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की रिपोर्ट में या सिद्ध हो गया कि शिकायतकर्ता अपात्र है लेकिन वास्तव में अगर जांच सही हो जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि कौन पात्र और कौन अपात्र
इसकी जानकारी होने पर पत्रकारों की टीम भी मौके पर पहुंची और उसने भी जांच-पड़ताल की जिसमें पाया गया कि पीड़ित रेनू पत्नी अजीत कुसुमा पत्नी सुरेश चंद रमता पत्नी पातीराम वास्तव में आवास के पात्र हैं और इनको आवास की आवश्यकता भी है और जो रामाकांति पत्नी रामप्रकाश को आवास की पहली किस्त जारी हुई वह पूर्णतया गलत है वही ग्राम प्रधान अपनी राजनीतिक के चलते पीड़ित शिकायतकर्ता के खिलाफ व उसके भाइयों के खिलाफ थाने में तहरीर दिलवाकर पुलिस के द्वारा नाजायज परेशान करने का भी काम किया जा रहा है और कहां जा रहा है कि अगर बार-बार शिकायत करोगे तो आपको जेल जाने से कोई रोक नहीं सकता

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