काली घाट से कांवरियों के जल लेने और श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने पर रोक

संगम क्षेत्र स्थित काली घाट से कांवरियों के जल लेने और श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने पर रोक लगाई गई है। खतरे को देखते हुए घाट पर बल्लियां लगाई गई हैं।

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. संगम क्षेत्र स्थित काली घाट से कांवरियों के जल लेने और श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने पर रोक लगाई गई है। खतरे को देखते हुए घाट पर बल्लियां लगाई गई हैं। वहां जल पुलिस की भी तैनाती की जाएगी। गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद घाट से जल भरना व डुबकी लगाना खतरनाक हो गया है। घाट पर हो रही कटान के मद्देनजर मेला प्रशासन ने बैरिकेडिंग के लिए सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) को पत्र भेजा। सिंचाई विभाग ने शनिवार को घाट से कुछ कदम पहले बल्लियां लगा दीं।

बल्लियां लगाने का घाट के तीर्थ पुरोहितों ने विरोध किया। कहा कि घाट पर कोई खतरा नहीं है। कांवरिया और गंगा में डुबकी लगाने वालों को जबरन रोका जाएगा। उधर, सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने बताया कि कटान के कारण घाट पर ढलान नहीं रही। इससे गंगा के गहरे जल में गिरने का खतरा है। लगातार जलस्तर बढ़ने से प्रवाह भी तेज है।

तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

गंगा का जलस्तर बढ़ने से फाफामऊ घाट पर दफन शव भी डूबने लगे हैं। अब तक सात दफन शव डूब चुके हैं। घाट के कगार पर कटान भी बढ़ गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गंगा का जलस्तर शुक्रवार रात तक दफन शवों के पास था। अगले दिन सुबह शव डूबे मिले। जलस्तर निरंतर बढ़ने से और भी दफन शवों के डूबने की संभावना है। गंगा के कगार पर कटान भी तेज हो गई है। जलस्तर बढ़ने के साथ गंगा का प्रवाह तेज होने से कगार कटने लगे। इसी कगार पर कई शव दफन हैं।

संगम तट पर बने 108 फीट ऊंची प्रतिमा

कुम्भ मेला 2025 से पहले संगम तट पर गंगा-यमुना और सरस्वती की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की मांग तीर्थ पुरोहितों ने उठाई है। शनिवार को बैठक कर तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सरकार ने 2019 का कुम्भ मेला बहुत अच्छा कराया। प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष पं. अमितराज वैद्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुम्भ के मद्देनजर जिले के विकास पर चर्चा हुई। संयोजक श्रवण कुमार शर्मा, संरक्षक चंद्रनाथ चकहा ‘मधुजी’ ने प्रदेश सरकार से तीर्थ पुरोहितों के लिए भी आर्थिक मदद मांगी।

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