संयुक्त संघर्ष संचालन समिति की विस्तारित कार्यसमिति की घोषणा

ओपीएस, भत्तों की बहाली, संविदा कर्मियों के विनियमितीकरण तथा निजीकरण पर रोक की मांग

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

 

लखनऊ. प्रदेश में 25 वर्षो से चले आ रहे कर्मचारियों-शिक्षकों के संयुक्त संगठन, संयुक्त संघर्ष संचालन समिति उत्तर प्रदेश जिसे सब एस-4 के नाम से जानते है, को पुनः सक्रिय करते हुए विस्तारित कार्यसमिति की घोषणा 12 मार्च 2023 में सम्पन्न बैठक के बाद की गई। 22 मार्च को जारी परिपत्र के अनुसार लगभग 02 दर्जन शिक्षक-कर्मचारी संगठन एकजुट हुए है। यह जानकारी देते हुए एस-4 के अध्यक्ष अजय सिंह (अध्यक्ष, राज्यकर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश), जगदीश पांडेय , संयोजक (अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश-ठकुराई गुट) विनय कुमार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (PSPSA) तथा आर.के.निगम (महामंत्री, राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश)

एस-4 के अध्यक्ष अजय सिंह (अध्यक्ष, राज्यकर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश) ने बताया कि ओपीएस की बहाली के अभियान को तेज करते हुए उत्तर प्रदेश में समाप्त किये गए विभिन्न भत्तों की बहाली, संविदा कर्मियों के विनायमितिकरण तथा निजीकरण/आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने की माँग सरकार से भी उठाई गई।

एस 4 के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार यादव ने बताया कि वर्तमान में राज्य कर्मचारी, प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षकों, निकाय कर्मचारियों, रोडवेज, राजकीय महाविद्यालय के शिक्षकों, राजकीय शिक्षक, शिक्षामित्र, आश्रम पद्धति विद्यालय तथा उर्दू के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मी, होमगार्ड्स, पीआडी, ग्राम रोजगार सेवक, रसोइयों, आंगनवाड़ी, मनरेगा, अनुदेशक, एआरपी सहित विभिन्न विभागों के आउटसोर्सिंग/ संविदा कर्मियो के संगठन शामिल है।

कर्मचारी नेताओ ने कहा कि जल्द ही कार्यसमिति की बैठक राजधानी लखनऊ में बुलाकर भावी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी-शिक्षक संगठनों से एस-4 के बैनर तले एकजुट होने की अपील भी S-4 के पदाधिकारियों ने की है।

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