महंगाई से मिली राहत, जानिये क्या है खाद्य वस्तुओं की कीमत

खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस लेवल के अपर बैंड 6 फीसदी के नीचे आ गया है। महंगाई दर में और गिरावट आई तो महंगी ईएमआई से नए साल में राहत भी मिल सकती है।

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है। नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 5.88 फीसदी पर घटकर आ गया है जबकि अक्टूबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही थी। एक वर्ष पूर्व नवंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.91 फीसदी रही थी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भारी कमी आई है। नवंबर महीने में खाद्य महंगाई दर 4.67 फीसदी पर आ गया है जबकि अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर 7.01 फीसदी थी। वहीं नवंबर महीने में शहरी के साथ ग्रामीण दोनों ही इलाकों में खाद्य महंगाई में कमी आई है।

खाद्य महंगाई में भारी गिरावट

खुदरा महंगाई दर में गिरावट की बड़ी वजह खाद्य वस्तुओं के महंगाई दर में गिरावट है। अक्टूबर 2022 में खाद्य महंगाई दर 7.01 फीसदी थी जो नवंबर में घटकर 4.67 फीसदी रह गई है। वहीं अक्टूबर में शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 6.53 फीसदी थी जो नवंबर में 3.69 फीसदी पर आ गई है। जबकि ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में 7.30 फीसदी थी जो घटकर नवंबर में 5.22 फीसदी पर आ गई है।

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आरबीआई के टोलरेंस बैंड के भीतर खुदरा महंगाई दर

सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लेवल 6 फीसदी के नीचे आ गया है। आरबीआई ने 2 से 6 फीसदी महंगाई दर का टोलरेंस बैंड तय किया हुआ है। लेकिन लगातार खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड को पार कर ऊपर बना था। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर जा पहुंची जिसके बाद पांच दफा मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद आरबीआई ने महंगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी की. रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है।

महंगी ईएमआई से राहत संभव

अगर महंगाई दर में गिरावट का सिलसिला जारी रहा है तो आने वाले वर्ष में ब्याज दर बढ़ाने पर ब्रेक लग सकता है। रेपो रेट के बढ़ने का सिलसिला थम सकता है। और खुदरा महंगाई दर में गिरावट बढ़ी तो ब्याज दरें सस्ती भी हो सकती है।

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