ब्लाक प्रमुख चुनाव के मतदान के दौरान हिंसा सत्ता प्रायोजित लोकतंत्र व संविधान की मूलभावना पर गहरा आघात-अजय कुमार लल्लू

 

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : आज प्रदेश की 476 ब्लाक के ब्लाक प्रमुख के चुनाव को लेकर हो रहे मतदान में पुनः हिंसा की खबरें गंभीर चिंता का विषय हैए नामांकन के दौरान प्रदेश के 52 से अधिक जनपदों में हुई हिंसा के बाद मतदान के दौरान तमाम जनपदों में सत्तापक्ष के उम्मीदवारों के समर्थन में गुंडागर्दी और प्रशासन की मिली भगत लोकतंत्र और संविधान की मूलभावना पर गहरा आघात है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की व्यवस्था सत्ता के विकेन्द्रीकरण के द्वारा आम जनता को ताकतवर बनाना थाए किन्तु विग्त लगभग 25 वर्षो में सत्ता के दुरूपयोग के द्वारा जिला पंचायत सदस्य एवं बीडीसी सदस्यों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुए जबरन उनके मताधिकार को लूटा जा रहा है।

 

 

 

 

प्रदेश में लगभग 9 मंत्रियों एवं 50 से अधिक सत्ता पक्ष के विधायकों के परिवारीजन अथवा रिश्तेदार ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ रहे है। इन सीटों पर सत्ता का खुलेआम दुरूपयोग हुआ है। तीन सौ से ज्यादा ब्लाक प्रमुखों को र्निविरोध निर्वाचित करवाना ऐसी ही अराजक तानाशाही का परिणाम है।

 

 

 

 

इस चुनाव में हुई हिंसक घटनाएं महिलाओं का अपमानए अपहरण आदि घटनाएं बेहद गंभीर एवं चिंता का विषय है। इतने बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएं बगैर प्रशासन की मिलीभगत और सत्ता के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। लखीमपुर में महिला के अपमान की घटना के बाद चंद छोटे पुलिस के अधिकारियों पर कार्यवाही करके सरकार अपने दामन को साफ करना चाहती है

 

 

 

 

किन्तु पूरे प्रदेश में हुई व्यापक हिंसा पर अगर मुख्यमंत्री गंभीर है तो तत्काल पुलिस के प्रदेश स्तरीय बड़े अधिकारियों पर कार्यवाही करें। इस संपूर्ण घटनाक्रम पर चुनाव आयोग का मौनए उसकी निष्पक्षता एवं स्वायतता पर बड़े प्रश्न चिन्ह खड़ी करती है। चुनाव आयोग को अपनी निष्पक्षता अक्षुण बनाये रखने के लिए ब्लाक प्रमुख के चुनाव को निरस्त कर दुबारा चुनाव कराये जाने चाहिए। शासन प्रशासन के संदिग्घ अधिकारियों की जांच कराकर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराई जानी चाहिए।

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