40 जवानों का नही हुआ था अंतिम संस्कार इसी बीच दुश्मनों ने एक और घटना को दिया अंजाम
14 फरवरी को पुलवामा में हुए भीषण आतंकवादी हमले ने उसी दौरान करीब 40 सीआरपीएफ के जवानों की जान ले ली थी। इस घटना में शहीद हुए 40 जवानों का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था के इसी बीच दुश्मनों ने एक व घटना को अंजाम दे दिया जिसमें हिंदुस्तान के एक व बेटे ने अपनी जान कुर्बान कर दी। पुलवामा हमले के दो दिन बाद यानी शनिवार को आईईडी ब्लास्ट में इंडियन सेना के एक मेजर शहीद हो गए।
सूत्रों की माने तो सेना की इंजीनियरिंग कॉर्प्स के मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट शनिवार को एक बम डिस्पोजल टीम का नेतृत्व कर रहे थे। चित्रेश सिंह बिष्ट ने अपनी टीम के साथ मिलकर राजौरी के नौशेर सेक्टर में रोड़ किनारे कई माइन्स ढूंढ निकाले थे। दरअसल चित्रेश सिंह बिष्ट अपनी टीम के मिलकर एक माइन को डिफ्यूज कर लिया था। इसके बाद जैसे ही वह दूसरी माइन को डिफ्यूज करने लगे तभी इस आकस्मित से वह एक्टिवेट हो गया व उसमें विस्फोट हो गया।
इस घटना में मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट शहीद हो गए व उनके अन्य साथी को गंभीर चोट आई है। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें मेजर चित्रेश उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले थे। हैरानी वाली बात तो ये है कि 31 वर्ष के चित्रेश अगले महीने मार्च में विवाह के बंधन में बंधन वाले थे। जी हां 7 मार्च को उनकी विवाह थी व इससे पहले ही उनके पिता को मेजर के शहादत की समाचार मिल गई। इस घटना में मेजर के अतिरिक्त एक व जवान शहीद हो गया था।