हमें अफसोस है कि देशवासियों का सपना पूरा नहीं कर सकेः सरदार सिंह

अनुभवी सेंटर हाफ सरदार सिंह कहते हैं कि ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी और इसके बाद बेंगलुरू में न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया के खिलाफ सीरीज में दमदार प्रदर्शन, बढिया तैयारी, एशिया में शीर्ष रैंकिंग सभी कुछ भारतीय पुरुष हॉकी टीम के जकार्ता एशियाई खेलों के लिए रवाना होने से पहले उसके खिताब बरकरार रखने की ओर इशारा कर रहा था। वह कहते हैं इसीलिए भारतीय टीम के हर खिलाड़ी और चीफ कोच हरेन्द्र सिंह को पूरा भरोसा था कि  एशियाई खेलों में खिताब जीत सीधे ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लेगी।

 ‘एशियाई खेलों में हमारी टीम का आगाज बहुत बढिय़ा रहा लेकिन सेमीफाइनल एक अलग ही मैच होता। मलयेशिया के खिलाफ सेमीफाइनल में महज 30 सेकंड में हमें पेनल्टी कॉर्नर भी मिला। हमें बराबर मौके मिले, लेकिन हमें मौके गंवाने महंगे पड़े।  हमारे हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। हमने दो  बार बढ़त ली लेकिन खासतौर पर डेढ़ मिनट के बाकी रहते हमारी क्षणिक ढील से मलयेशिया ने सेमीफाइनल में दो-दो की बराबरी पा ली। फिर सडनडेथ शूटआउट में हम मलयेशिया से हार गए। हम इससे भविष्य में चौकस रहना होगा। हमारी टीम मलयेशिया के खिलाफ सेमीफाइनल में अपनी क्षमता का 40 फीसदी भी नहीं खेल पाई।’

सरदार कहते हैं, ‘मलयेशिया भले ही बहुत फसाउ टीम है, जो शुरू में हमला बोलने की बजाए जवाबी हमलों पर ज्यादा भरोसा करती है। मलयेशिया  के हाथों हार के लिए कोई बहाना नहीं।जैसे हमारी रैंकिंग सबसे उपर थी, जैसी तैयारी थी हमें मलयेशिया से यह सेमीफाइनल जीतना ही चाहिए । हमने जिस जोश के साथ एशियाई खेलों में आगाज किया वैसा जोश सेमीफाइनल में हम नहीं दिखा पाए। चीफ कोच हरेन्द्र सर, क्या सीनियर, क्या जूनियर , सभीखिलाडिय़ों की आंखें नम थी। ड्रेसिंग रूम में एकदम सन्नाटा था। टीम के खासतौर पर दिलप्रीत सिंह जैसा यंग स्ट्राइकर इतना रोया की उसे बहुत मुश्किल से संभाला। हर कोई मायूस था। यह वाकई निराशाजनक नतीजा था।

देश के हॉकी प्रेमियों के साथ खुद भारतीय टीम का हर खिलाड़ी एशियाई खेलों में सुनहरे तमगे की आस कर रहा था। मैं मलयेशिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के लिएअपने और भारतीय टीम की ओर से देश के हॉकी प्रेमियों से माफी मांगता है। हमें अफसोस है कि हम देशवासियों का सपना पूरा नहीं कर सके। हमारे पास अब ओमान में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में यह साबित करने का मौका है कि हम एशिया की नंबर एक टीम हैं। फिर नवंबर में भुवनेश्वर में ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप है और इसमें हमें खुद को दुनिया की टीमों के सामने यह दिखाने और साबित करने का मौका होगा कि हम दुनिया की शीर्ष टीमों को टक्कर देने का माद्दा रखते है। इन दोनों टूर्नामेंट में हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर एशियाई खेलों की निराशा को दूर करने की कोशिश करेंगे। भारतीय हॉकी टीम पर भरोसा रखें वह भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करेगी और कसौटी पर खरी उतरेगी।’

वह बताते हैं, ‘सेमीफाइनल मे मलयेशिया  से मिली हार पर और बड़ी चुनौती इस हार से मिले झटके और ओलंपिक के लिए सीधे क्वॉलिफाई करने का सपना टूटने के साथ पाकिस्तान के खिलाफ कांसे के लिए मुकाबले में टीम को खुद को पूरे जोश के लिए तैयार करने की थी। कोच साहब हरेन्द्र सर ने कहा , जो बीत गया सो बीत गया। जो हो चुका उसे हम बदल नहीं सकते थे। मुझे फख्र है कि पाकिस्तान के खिलाफ भावनाओं के ‘ज्वार’ वाले मुकाबले में सभी पूरी शिद्दत से खेले और उसके खिलाफ जीत दर्ज कर ‘कांसे’ तो हासिल करने में कामयाब रहे।’

सेमीफाइनल में शायद दिन हमारा नहीं था : आकाशदीप सिंह 
आक्रमण के सूत्रधार और गोल करने में माहिर भारत की पुरुष हॉकी टीम के यंग पर स्ट्राइकर आकाशदीप सिंह कहते हैं कि जकार्ता एशियाई खेलों में टीम की शुरुआत बहुत अच्छी रही लेकिन यह बात सभी को हमेशा जेहन में रखनी होगी असली मुकाबले नॉकआउट क्वॉर्टर और सेमीफाइनल से शुरू होते हैं। आकाशदीप सिंह ने हमने एशियाई खेलों में  शानदार अंदाज में आगाज किया था। बदकिस्मती से मलयेशिया के खिलाफ अहम सेमीफाइनल में हम अपनी क्षमता का 40 फीसदी भी नहीं खेल पाए थे। इसके बावजूद हमें गोल करने के लिए खूब मौके मिले, हमने बढ़त भी बनाई। हमें गोल करने के मौकों को पूरी तरह नहीं भुना पाने की कीमत चुकानी पड़ी। मैच सडनडेथ शूटआउट खिंच गया।

शूटआउट में ‘किस्मत’ अहम होती है और गोलरक्षक लाभ की स्थिति में होता है। शूटआउट में किस्मत हमारे साथ नहीं और बस यूं कह लीजिए की दिन हमारा नहीं था। मलयेशिया से हम रैंकिंग में तो बेहतर हैं ही अब यदि उसके हर खिलाड़ी से हमारे खिलाड़ी का आकलन करेंगे तो हमारा खिलाड़ी बेहतर निकलेगा। बस सेमीफाइनल में शायद दिन ही हमारा नहीं था। अभी भी दिल में बार बार यही कहता है कि हमें सुनहरा तमगा जीतना चाहिए , जो हो नहीं सका। हमें मलयेशिया के खिलाफ छोटी-छोटी गलतियां भारी पड़ी। अब हमे एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व कप में शिरकत करनी है। ये दोनों ही हमारे लिए अहम टूर्नामेंट हैं और हमारा फोकस इन्हीं टूर्नामेंट पर है।’

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