‘हमारी खिलाड़ी शिद्दत से खेली, बस फाइनल में किस्मत दगा दे गई’
ललरेमसियामी ने कहा कि, हमारी भारतीय हॉकी टीम जकार्ता एशियाई खेलों में बहुत अच्छा खेली। हमारी टीम की हर खिलाड़ी शिद्दत से खेली और कोई कसर नहीं छोड़ी। बस जापान के खिलाफ हम फाइनल में मौकों को पूरी तरह भुनाते तो नतीजा और होता। हम जीत के साथ सीधे ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लेते। बस किस्मत हमें फाइनल में दगा दे गई। हमारी रक्षापंक्ति ने मुस्तैदी से अपने किले की चौकसी से हर किसी को अपना मुरीद बना दिया।
अग्रिम पंक्ति में वंदना कटारिया, नवजोत और मैंने गोल करने के साथ और गोल के मौके बनाने और टीम को पेनल्टी कॉर्नर दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रानी (रामपाल) दीदी भले ही चोट के कारण लीग में एक ही मैच खेली लेकिन उन्होंने बाहर बेंच पर बैठकर हम सभी की बहुत हौसलाअफजाई की। हमारी कई साथी चोट से उबरते ही मैदान में उतरी और गुरजीत कौर चोट के बावजूद सेमीफाइनल और फाइनल में उतरी। फिर भी इस बात का फख्र है कि मैदान पर पूरे एशियाई खेलों में हमारी टीम की हर लड़की ने अपना 110 फीसदी दिया।