सिलेंडर विस्फोट में जान गवाने वाली महिला के परिजनों को मिलेगा 12 लाख रुपये का मुआवजा

सिलेंडर विस्फोट में मारी गई महिला के परिजनों को 12 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने भारतीय आयल कॉरपोरेशन लि।(आईओसीएल) व उसके डीलर को ये मुआवजा देने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय उपभोक्ता टकराव निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने बोला कि यह एक्सीडेंट मैन्युफैक्चरिंग की खामी की वजह से हुई. इस एक्सीडेंट के लिए आईओसीएल व आलोक गैस एजेंसी को जिम्मेदार माना गया है. इस हादसे में गृहणी नीना झांब की मौत हो गई थी जबकि उनकी सास गंभीर रूप से घायल हुई थीं.

आयोग ने ये भी बोला कि इस खामी की जाँच आईओसीएल करे क्योंकि उपभोक्ता की ओर से कोई लापरवाही बरतने के कोई प्रमाण नहीं हैं. आयोग बोला कि मैन्युफैक्चरर होने की वजह से जिम्मेदारी आईओसीएल की बनती है कि वह जाँच करे व खामी के बारे में रिपोर्ट दे. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. ऐसे में आईओसीएल की ओर से यह बोला जा रहा है कि मैन्युफैक्चरर खामी की कोई रिपोर्ट नहीं है, इसे मानने योग्य नहीं है.

एनसीडीआरसी ने बोला कि इस मुद्दे की जिम्मेदारी आईओसीएल व डीलर दोनों की बनती है. रिकॉर्ड पर जो दस्तावेज हैं उनके मुताबिक सिलेंडर में विस्फोट मैन्युफैक्चरिंग में खामी की वजह से हुआ. इसकी मुख्य जिम्मेदारी आईओसीएल की है. बता दें कि आईओसीएल, गैस एजेंसी व तथा बीमा कंपनी की अपील पर एनसीडीआरसी ने यह आदेश दिया है. इन्होंने दिल्ली प्रदेश उपभोक्ता मंच के मृतक के परिजनों को 12,21,734 रुपये ब्याज के साथ देने के आदेश को चुनौती दी थी.

आयोग ने अपील को खारिज करते हुए आईओसीएल पर 25,000 रुपये की लागत भी लगाई है. यह घटना तीन अप्रैल, 2003 को हुई जब नीना रसाई में खाना बना रही थीं व इस दौरान सिलेंडर फटने से उनकी मौत हो गई. इस हादसे मे नीना की सास कान्ता घायल हो गईं.

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