संकट: दिल्ली में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए लगाए,जाने वाले इंजेक्शन की भारी किल्लत

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल :  दिल्ली में भर्ती ब्लैक फंगस म्यूकोर माइकोसिस से पीड़ित मरीजों को सिर्फ एक चैथाई इंजेक्शन पर काम चलाना पड़ रहा है। यहां भर्ती मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन लाइपोसोमाल एम्फोटेरेसिन-बी की भारी कमी है। हाल यह है कि दिन में एक मरीज को 50 एमजी वाले 5 से 7 ऐसे इंजेक्शन की जरूरत होती है, लेकिन उन्हें एक या दो ही इंजेक्शन दिन में मिल पा रहे हैं। यह हाल तब है जब यह इंजेक्शन खुले बाजार में उपलब्ध नहीं है। इसे केंद्र सरकार ही राज्यों को उपलब्ध करा रही है। ऐसे में सोशल मीडिया पर इस इंजेक्शन की मांग के लिए गुहार लगाने वाले मरीजों के आपात संदेश की संख्या भी बढ़ रही है।

 

 

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के पूर्व निदेशक और ईएनटी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर एन.एन. माथुर ने बताया कि लाइपोसोमाल एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की एक शीशी में 50 एमजी दवा होती है। हर मरीज को दिन में 5 से 7 ऐसे इंजेक्शन की जरूरत होती है। अधिकतर मरीजों को तो 10 से 12 दिन तक हर रोज इतने इंजेक्शन की जरूरत होती है। वहीं कुछ मरीजों को 15 से 20 दिन या इससे लंबे वक्त तक भी इस इंजेक्शन की जरूरत हो सकती है।

 

 

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को देखें तो यहां एक चैथाई इंजेक्शन की ही आपूर्ति हो रही है। दिल्ली में दो जून को 50 अस्पतालों में 595 सक्रिय मरीज थे। डॉक्टरों के हिसाब से इन मरीजों में प्रत्येक को 5 से 6 इंजेक्शन की जरूरत हुई तो इस दौरान यहां एक ही दिन में 2975 से लेकर 4165 इंजेक्शन की जरूरत होती। हालांकि इस दिन इन मरीजों के लिए 690 इंजेक्शन ही दिए गए। यानी हर मरीज पर दो इंजेक्शन भी नहीं उपलब्ध कराए गए। इसी तरह एक जून को 601 मरीजों के लिए सिर्फ 1230 इंजेक्शन ही उपलब्ध कराए गए। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर 28 मई को इंजेक्शन की आपूर्ति की जानकारी दी गई है। 28 मई को 475 मरीजों के लिए 720 इंजेक्शन ही उपलब्ध कराए गए। इस हिसाब से देखें तो जरूरत का एक चैथाई इंजेक्शन भी मरीजों को नहीं मिल पा रहा।

 

 

दिल्ली के रहने वाले प्रतीक ने ट्विटर पर अपनी मां के लिए ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की गुहार लगाई है। उनकी मां दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं। वे ब्लैक फंगस से पीड़ित हैं। प्रतीक ने बताया कि उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई है। डॉक्टरों ने एम्फोटेरिसिन-बी दवा के इंजेक्शन उन्हें तुरंत देने के लिए कहा है, लेकिन अस्पताल के पास पर्याप्त संख्या में इंजेक्शन मौजूद नहीं है। कई दिनों से सुबह से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में केमिस्ट की दुकानों पर इस इंजेक्शन के बारे में पता किया है, लेकिन कहीं भी उन्हें यह दवा नहीं मिल पा रही है। कोई उपाय सूझता नहीं दिखा तो उन्होंने ट्विटर पर लोगों से गुहार लगाई कि उनकी मां की जिंदगी बचाने के लिए यह दवा उपलब्ध करा दें, लेकिन उन्हें मदद नहीं मिल पाई।

 

 

दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस से पीड़ित एक मरीज को एम्फोटेरेसिन-बी की 50 एमजी के इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। मरीज की भतीजी सोनाली ने ट्विटर पर लिखा है कि उन्हें 50 इंजेक्शन की जरूरत है। 10 इंजेक्शन तो एक ही दिन में लग जाएंगे, लेकिन कहीं भी यह दवा नहीं मिल रही है। ऐसे में सोनाली ने अपनी चाची के लिए ट्विटर पर गुहार लगाई है।

 

 

ब्लैक फंगस के एक हजार से ज्यादा मामले, 89 की मौत  दिल्ली में ब्लैक फंगस के 1044 मामले गुरुवार तक सामने आ चुके थे। इनमें से 89 की मौत हो चुकी है और 92 स्वस्थ हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि किस बीमारी से मृत्यु दर 50 फीसदी से अभी अधिक हैं।

सक्रिय मरीजों की संख्या के हिसाब से कितने इंजेक्शन दिए

    दिन                      सक्रिय मरीज           इतने इंजेक्शन दिए
2 जून                            595                           690
1 जून                            601                           1230
28 मई                          475                            720

 

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